पिथौरागढ़। पिथौरागढ़ के विशेष सत्र न्यायाधीश पोक्सो शंकर राज ने दुष्कर्म के मामले की सुनवाई करते हुए आरोपी को 25 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। दोषी पर 1.20 लाख का अर्थदंड भी लगाया गया है। दुष्कर्म का दोषी एनसीसी प्रशिक्षक है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार जिला निवासी एक नाबालिग छात्रा के साथ वर्ष 2022 में एनसीसी प्रशिक्षक ने कई बार दुष्कर्म किया। परिजनों की शिकायत पर जनवरी 2023 में दीपक सिंह नेगी उर्फ दीपक चंद्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। यह मामला विशेष सत्र न्यायाधीश शंकर राज की अदालत में चला।
बहस के दौरान अपने तर्क में शासकीय अधिवक्ता प्रमोद पंत ने कहा कि दोषी प्रशिक्षक संरक्षक की भूमिका में था। इसके बावजूद उसने अपनी पुत्री से भी कम उम्र की नाबालिग छात्रा के साथ दुष्कर्म कर गुरु शिष्य के पवित्र रिश्ते को कलंकित किया है। इतना ही नहीं प्रशिक्षक ने पीड़िता के साथ फोटो खींचकर इंस्टाग्राम में भी अपलोड किया। इससे पीड़िता की छवि खराब हुई। इसलिए दोषी को अधिक से अधिक सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई ऐसा कृत्य न करे। दोनों पक्षों को सुनने के बाद विशेष सत्र न्यायाधीश शंकर राज ने दोष सिद्ध करार देते हुए दीपक सिंह नेगी उर्फ दीपक चंद्र निवासी सिरौली, बटगेरी गणाई गंगोली को आईपीसी की धारा 376(2)(आई)(एन)(3) के अपराध के लिए 25 वर्ष के कठोर कारावास और एक लाख रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। दोषी को अर्थदंड नहीं देने पर पांच साल का अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतना होगा। धारा 354- क के अपराध के लिए तीन वर्ष के कठोर कारावास और 10 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड नहीं देने पर दोषी को छह माह का अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतना होगा। धारा 506 के अपराध के लिए सात वर्ष के कठोर कारावास और 10 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड नहीं देने पर अभियुक्त को एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। दोषी की सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। यदि दोष सिद्ध जुर्माने की राशि जमा करता है तो इसमें से एक लाख रुपये पीड़िता को प्रतिकर के रूप में दिए जाएंगे।