पिथौरागढ़। मुवानी महोत्सव के नौंवे संस्करण का रंगारंग कार्यक्रमों के साथ देर रात्रि में समापन हो गया।समापन अवसर पर फौजी ललित मोहन जोशी ने नैनीताल की मधुली, टक-टका-टक कमला और ललित गित्यार ने ब्वारी चाहा बना दे गीत से दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। साथ ही जय काली सांस्कृतिक कला एवं छलिया विकास समिति ने कुमाऊंनी भजन में अपनी प्रस्तुति दी और भावना कांडपाल के नृत्य ने दर्शकों का मन मोह लिया।साथ ही झूलाघाट से आये राहुल भट्ट के दल ने महाकाली मंचन दिखा कर माहौल को आध्यात्मिक बना दिया।समापन अवसर पर मुख्य अतिथि विधायक बिशन सिंह चुफाल और अति विशिष्ट अतिथि पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष वीरेंद्र बोरा रहे। चुफाल द्वारा कुमाऊंनी भाषा में भाषण देते हुए महोत्सव को क्षेत्र की प्रतिभाओं को निखारने का मंच बताया और महोत्सव के सफल संचालन हेतु 2 लाख रुपये की धनराशि प्रदान करी।महोत्सव में दोपहर में हुई वालीबाल और बैडमिंटन प्रतियोगिता में विजयी प्रतिभागियों को पिथौरागढ़ के विधायक मयूख महर द्वार सम्मनित किया गया, साथ ही सीमांत सेवा फाउंडेशन द्वारा निशुल्क नेत्र और स्वास्थ्य शिविर लगाया गया और रक्तकोष विभाग पिथौरागढ़ द्वारा रक्तदान शिविर आयोजित किया गया!समापन अवसर पर दस हजार से अधिक की जनता महोत्सव की साक्षी रही, कई बार भीड़ अनियंत्रित हुई, जिसे पुलिस के जवानों ने नियंत्रित किया।महोत्सव के सफल समापन पर अध्यक्ष कमल दीप सिंह बिष्ट ने जनता का आभार व्यक्त किया। इस दौरान प्रधान संरक्षक राम सिंह राठौर, संयोजक रमेश बम, उपाध्यक्ष जीवन बोरा, महामंत्री संजय वर्मा, सचिव रोहित पानू, उपसचिव संजय भट्ट, कोषाध्यक्ष दीपक कार्की, संरक्षक शोबन कार्की, मेहर सिंह कठायत, हेमंत कार्की, कुन्दन पुजारा, दीपक कार्की, राकेश मेहरा, संजय पाल, कुलदीप आर्या, दीपू कार्की, निखिल बसेड़ा, सचिन नेगी, जयकीर्ति कार्की, रवि उप्रेती, गम्भीर बोरा, सुमित पाल, विजय भण्डारी, नवराज भैसोड़ा, कैलाश सिंह आदि उपस्थित रहे।समापन अवसर पर अतिथि के तौर पर थल के थानाध्यक्ष अंबी आर्या, डॉ सिद्धार्थ पाटनी, बेरीनाग महोत्सव समिति के अध्यक्ष अमित पाठक, थल व्यापार संघ अध्यक्ष बबलू सामन्त, राजकीय शिक्षक संघ अध्यक्ष भूपेंद्र भण्डारी, करन थापा, राजीव शर्मा, भूपेश बाफ़िला, दीपक बोरा, कुन्दन बोरा, भोला पांडे, बबलू मटियानी, नानू वर्मा, नीरज जोशी, सौरभ बोरा, नीरज पाल आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रमों का संचालन ललित शौर्य, हंस पाल, त्रिभुवन राठौर, अमरजीत द्वारा किया गया।