
हल्द्वानी। काठगोदाम थाना क्षेत्र के पश्चिम खेड़ा गांव में 11 वर्षीय बालक अमित मौर्या की निर्मम हत्या को लेकर क्षेत्र में गहरा आक्रोश है। घटना के चार दिन बाद भी पुलिस मृतक के सिर और हाथ की बरामदगी नहीं कर सकी है। इस बीच परिजन और ग्रामीण न्याय की मांग को लेकर बेचैन हैं।घटना की गंभीरता को देखते हुए स्वयं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद नारायण मीणा घटनास्थल का निरीक्षण कर लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
फिलहाल, एक ही परिवार के चार सदस्यों को पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है। घटना के दूसरे दिन, पुलिस ने आरोपियों के घर के पास एक खेत में खुदाई कर बालक का धड़ प्लास्टिक के कट्टे में दफन मिला, लेकिन सिर और हाथ अब तक गायब हैं।हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ में सहयोग नहीं मिल रहा। बार-बार बयान बदलने के कारण पुलिस की जांच बाधित हो रही है। सिर और हाथ की बरामदगी के लिए गुरुवार को डॉग स्क्वायड और फॉरेंसिक टीमें भी घटनास्थल पर पहुंचीं, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।मृतक के पिता खूब करण का आरोप है कि जिस दिन बालक की हत्या हुई, उस दिन आरोपी पक्ष के घर में पूजा-पाठ हो रहा था, जिससे नरबलि की आशंका जताई जा रही है। परिजनों का आरोप है कि यह हत्या किसी तंत्र क्रिया के तहत की गई है। पुलिस इस पहलू को भी जांच के दायरे में रख रही है। एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने कहा, “पुलिस की कई टीमें लगातार काम कर रही हैं। कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिनसे पूछताछ चल रही है। शव के गायब अंगों की बरामदगी के प्रयास जारी हैं, जल्द ही मामले का खुलासा कर दिया जाएगा।”इस बीच आज पूर्व विधायक नारायण पाल अमित के परिजनों के साथ काठगोदाम थाने पहुंचे। पूर्व विधायक की पुलिस के साथ जमकर बहस हुई। श्री पाल ने पुलिस पर आरोपियों को बचाने और पीडित परिवार को परेशान करने का आरोप लगाया।
घटना की पृष्ठभूमि गौरतलब है कि सोमवार को लापता हुआ अमित मौर्या मंगलवार को एक खेत में गड्ढे से बरामद हुआ था। शव प्लास्टिक के बोरे में बंद कर दफनाया गया था। मृतक बालक का परिवार मूल रूप से बरेली का रहने वाला है और वर्तमान में गौलापार में बटाई पर खेती करता है। अमित गौलापार के ही सुल्ताननगरी के सरकारी स्कूल में कक्षा पांचवीं का छात्र था। मौसम के अलर्ट के कारण सोमवार को स्कूल में अवकाश था। सुबह पढ़ाई करने के बाद वह घर में ही खेल रहा था। ग्रामीणों का कहना है कि अगर सोमवार को स्कूल खुला होता तो अमित जीवित होता।अमित का धड़ मंगलवार दोपहर में कागजी प्रक्रिया पूर्ण कर मोर्चरी लाया गया। शाम तक पोस्टमार्टम करना था लेकिन सिर न मिलने की वजह से बाकी प्रक्रिया रुक गई। अब इसका पोस्टमार्टम शुक्रवार को कराने की संभावना जताई जा रही है।फोरेंसिक टीम ने जुटाए साक्ष्यफोरेंसिक टीम ने घटनास्थल के आसपास और गोशाला से साक्ष्य एकत्र किए। पुलिस को मौके से मासूम की चप्पल व खून से सने कपड़े भी मिले हैं। पुलिस अमित के सिर और हाथ को नहर या नाले में फेंकने को लेकर भी जांच कर रही है।यूपी के बरेली निवासी बंटाईदार खूबकरण करीब 15 साल पहले गौलापार आए थे। वह यहां झोपड़ी में पत्नी पुष्पा और दो बेटों अमित व अर्चित के साथ रहते थे। उनकी बेटी अपनी बुआ के यहां रहती है। खूबकरण के बड़े भाई का परिवार भी यहीं बंटाई का काम करता है।

