नई दिल्ली। द्रौपदी मुर्मू ने आज देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण की। भारत के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनवी रमण ने उन्हें संसद भवन के ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शपथ ग्रहण करने के बाद अपने संबोधन में कहा- सभी भारतीयों की अपेक्षाओं, आकांक्षाओं और अधिकारों के प्रतीक, संसद में खड़े होकर मैं आप सभी का नम्रतापूर्वक आभार व्यक्त करती हूं। इस नई जिम्मेदारी को निभाने के लिए आपका विश्वास और समर्थन मेरे लिए एक बड़ी ताकत होगी। मैं देश की पहली राष्ट्रपति हूं जिसका जन्म स्वतंत्र भारत में हुआ।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा- स्वतंत्र भारत के नागरिकों के साथ हमारे स्वतंत्रता सेनानियों की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए हमें अपने प्रयासों में तेजी लानी होगी कि राष्ट्रपति पद पर पहुंचना मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है। यह भारत के हर गरीब की उपलब्धि है। मेरा नामांकन इस बात का प्रमाण है कि भारत में गरीब न केवल सपने देख सकते हैं। बल्कि उन सपनों को पूरा भी कर सकते हैं। मुझे इस बात की संतुष्टि है कि जो लोग वर्षों से विकास से वंचित थे गरीब, दलित, पिछड़े, आदिवासी- मुझे अपने प्रतिबिंब के रूप में देख सकते हैं। मेरे नामांकन के पीछे गरीबों का आशीर्वाद है, यह करोड़ों महिलाओं के सपनों और क्षमताओं का प्रतिबिंब है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का भाषण समाप्त होने के बाद उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने उसका कुछ अंश अंग्रेजी में पढ़ा। इसके बाद राष्ट्रपति मुर्मू की स्वीकृति लेकर राष्ट्रगान के साथ शपथ ग्रहण समारोह का समापन हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, केंद्रीय मंत्रिपरिषद के सदस्य, राज्यों के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, राजनयिक मिशनों के प्रमुख, संसद सदस्य और सरकार के प्रमुख अधिकारी एवं सैन्य अधिकारी द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण में शामिल रहे. ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण में मौजूद रहे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्रियों, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और अन्य गणमान्य लोगों का आभार व्यक्त किया।