पिथौरागढ़। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली व उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल के निर्देशन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पिथौरागढ़ ने रविवार को पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय के देवसिंह मैदान में बहुउद्देशीय विधिक चिकित्सकीय जागरूकता शिविर आयोजित किया। शिविर का दीप प्रज्वलित कर शुभारम्भ विधि एवं कानून मंत्री किरन रिजिजू और भारत के उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित ने संयुक्त रूप से किया। कानून मंत्री ने कहा कि लोगों को न्याय तथा न्यायिक सेवा में कैसे सुविधा मिल सके इसी उद्देश्य से यह विधिक शिविर लगाया गया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने पूरी टीम भावना के साथ पूरे देश में सबसे बेहतर कार्य किया है। कोरोना काल में आम जनता को न्याय देने के लिए अदालतों ने वर्चुअली अपना कामकाज जारी रखा। आम नागरिकों व जरूरतमंदों को न्याय पाने के लिए दर दर न भटकना पड़े इसके लिए हम सभी को पूर्ण कर्तव्यनिष्ठा से कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में पूरे देश में विभिन्न न्यायालयों में कुल 4 करोड़ से अधिक मामले लंबित पड़े हैं।अधीनस्थ न्यायालयों में अवस्थापना विकास तथा उनके सुदृढ़ीकरण के लिए कैबिनेट द्वारा 9 हजार करोड़ रूपये स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित विभिन्न एनसीसी कैडेट तथा विद्यालयों के छात्र-छात्राओं से कहा कि  भारत देश को मजबूत बनाना है तो युवाओं को आगे लाना है।
शिविर में अपने संबोधन में उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ न्यायमूर्ति एवं राष्ट्रीय विविध सेवा प्राधिकरण के चेयरमैन उदय उमेश ललित ने कहा कि भारत की आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर पूरे भारत में अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। इसी कार्यक्रम के अवसर पर राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा पूरे देश में इसी प्रकार के विधिक जागरूकता शिविर  कार्यक्रम आयोजित किए जारहे हैं। देश के 637 गांवों में  42 दिनों  में विविध सेवा की टीम द्वारा गांव गांव जाकर विधिक जागरूकता दी गई है। उन्होंने कहा कि हर जरूरत मंद को मुफ्त में न्याय दिलाना मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि हर उस नागरिक को जो निःशुल्क विधिक सहायता का हकदार है उस तक यह जानकारी इन शिविरों के माध्यम से जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्वास सबके लिए न्याय सबके लिए यह विधिक सेवा प्राधिकरण का लक्ष्य है।
इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राघवेंद्र चौहान ने अपने संबोधन में कहा कि न्याय  केवल न्याय पालिका तक ही सीमित नहीं है बल्कि सूर्य की किरणों की तरह यह सभी जगह समान रूप से विद्यमान है। उन्होंने कहा कि राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण गांव गांव जाकर लोगों को विधिक जानकारी देने के साथ ही गरीब एवं जरूरतमंद व्यक्ति को कानूनी मदद कर रहा है इस कार्य में पैरालीगल वालिंटियर की अधिक भूमिका है। उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ती मनोज तिवारी ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त करते हुए विधिक शिविर की जानकारी दी।  उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ती मनोज तिवारी ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त करते हुए विधिक शिविर की जानकारी दी।शिविर में स्वास्थ्य विभाग द्वारा चिकित्सा कैंप लगाकर उपस्थित जनता का निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।विभिन्न क्षेत्रों से आए दिव्यांगजनों को ह्वील चेयर तथा कृतिम अंग प्रदान किए गए। शिविर में विशेष रूप से राजि जनजाति के गांव कूटा चौरानी, मदनपुरी, जमतड़ी, भागिचौडा, आदि गांवों से आए वनराजियों का स्वास्थ्य परीक्षण कर निःशुल्क दवा के साथ ही उन्हें कंबल, साल कपड़े आदि जरूरत मंद की वस्तुएं वितरित की गई। हंस फाउण्डेशन के द्वारा भी नि:शुल्क 50 ह्वील चेयर, 50 बैशाखी, 500 कान की मशीन, 600 चश्मे के साथ ही मास्क तथा सेनेटाइजर वितरित किए गये।
इस अवसर पर उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा, जिला जज पिथौरागढ़ डॉ जीके शर्मा, उच्च न्यायालय के निबधक धनंजय चतुर्वेदी, सदस्य सचिव राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण राजीव कुमार खुल्वे, निबंधक अम्बिका पंत जिलाधिकारी पियौरागढ़ डा० आशीष चौहान, पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह, सीडीओ अनुराधा पाल, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पिथौरागढ़ विभा यादव, अध्यक्ष जिला बार संघ पिथौरागढ़ एमसी भट्ट समेत विभिन्न अधिकारी, अधिवक्तागण उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन सिविल जज सीनियर डिविजन रश्मि गोयल ने किया।