देहरादून। देहरादून में आज सफल लिवर प्रत्यारोपण के 15 वर्ष पूर्ण करने वाले डा.अशोक कुमार पन्त की अपने अनुभव पर आधारित पुस्तक ‘‘लिवर प्रत्यारोपण: मेरे अनुभव’’ (सफल प्रत्यारोपण 15 वर्ष) का लोकार्पण एवं अंगदान-महादान अभियान का शुभारम्भ दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र देहरादून में किया गया।

लोकार्पण कार्यक्रम के अवसर पर समारोह की आयोजक संस्था पहल की निदेशक श्रीमती कमला पन्त द्वारा सभी अतिथियों का स्वागत किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि प्रो0 हेम चन्द्र पाण्डे, माननीय कुलपति हेमवती नन्दन बहुगुणा चिकित्सा शिक्षा विश्व विद्यालय द्वारा पुस्तक लोकार्पण करते हुए कहा कि अंगदान कर दूसरे व्यक्ति को नवजीवन प्रदान करना जहां एक पुण्य कार्य है वहीं वह व्यक्ति को स्वयं के जीवन की सार्थकता सिद्ध करने का मौका देता है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में चिकित्सा विज्ञान ने जो ऊचाईयां प्राप्त की हैं उसने अंग प्रत्यारोपण प्रक्रिया को अत्यन्त सुगम बना कर लाखों लोगों को पुनर्जीवन प्रदान किया है। प्रो0 पाण्डे ने कहा कि डा0 अशोक कुमार पन्त इसके साक्षात् उदाहरण है तथा उनके पुत्र डा0 शिवाशीष पन्त जिन्होंने अपने पिता को मात्र 18 वर्ष की उम्र में अपने लिवर का अंशदान कर जीवन रक्षा की तथा स्वयं भी स्वस्थ जीवन जी रहे हैं, उन्हें इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय की ओर से राज्य में अंगदान-महादान अभियान का ब्रांड एम्बेसडर घोषित कर सम्मानित किया।

प्रो0 पाण्डे ने आशा व्यक्त की कि डा0 पन्त की पुस्तक समाज में अंगदान की ओर लोगों को प्रेरित करने हेतु एक मील का पत्थर साबित होगी। इस अवसर पर सीनियर सिटिजन वैलफेयर सोसाइटी की ओर से डा0 अतुल जोशी तथा निशक्त जन पुनर्वास एवं प्रशिक्षण केन्द्र की ओर से अध्यक्ष श्रीमती भारती पाण्डे ने भी डा0 शिवाशीष पन्त को सम्मानित किया। इस अवसर पर रोटरी क्लब तथा दधीचि संस्था ने भी अंगदान-महादान अभियान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इस अभियान में शामिल होने की घोषणा की। इस अवसर पर दून चिकित्सालय के डा0 राकेश बलूनी द्वारा डा0 पन्त की पुस्तक की समीक्षा की गई।

पुस्तक के चिकित्सकीय एवं भावनात्मक पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि डा0 अशोक कुमार पन्त की यह पुस्तक पूरे समाज के लिए प्रेरणा है कि अपनी नियमित दिनचर्या तथा उपचारात्मक प्रोटोकॉल का अनुपालन कर विगत 15 वर्षों से स्वस्थ जीवन जीकर लिवर प्रत्यारोपण की राष्ट्रीय स्तर पर एक सफलता की कहानी है। डा0 संजय गौड़ ने अंगदान व अंग प्रत्यारोपण की सम्पूर्ण प्रक्रिया पर प्रकाश डाला। समारोह को संबोधित करते हुए विशिष्ठ अतिथि यूकॉंस्ट के महानिदेशक प्रो0 दुर्गेश पन्त ने उपस्थित जन समुदाय का आवाहन किया कि अंगदान-महादान मुहिम में सहयोग कर आम लोेगों में प्रत्यारोपण संबंधी भ्रान्तियों को दूर कर अंगदान हेतु प्रेरित करें।

पुस्तक के लेखक डा0 अशोक कुमार पन्त तथा डा0 शिवाशीष पन्त द्वारा भी अपने अनुभव साझा किए गए। डा0 शिवाशीष पन्त ने स्वयं को ब्रांड एम्बेसडर घोषित किए जाने पर धन्यवाद दिया तथा ‘अंगदान-महादान’ अभियान की अग्रगामिता करने के प्रति संकल्पबद्धता व्यक्त की। पूर्व चिकित्सा महानिदेशक डा0 एल0एम0 उप्रेती ने स्वयं के द्वारा चलाई जा रही अंगदान-महादान मुहिम को इस अंगदान-महादान अभियान से जोड़ कर लोगों से अंगदान हेतु आगे आने का आह्वान किया।

लोकार्पण समारोह की अध्यक्षता श्री नृप सिंह नपलचयाल, मुख्य सचिव उत्तराखण्ड द्वारा की गई। मानस कॉलेज ऑफ साईंस टैक्नॉलॉजी एण्ड मैनेजमेन्ट पिथौरागढ़ के निदेशक देवाशीष पन्त ने सभी उपस्थित जनों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन श्री योगेश धस्माना द्वारा किया गया।
लोकार्पण समारोह में डा0 एस0एस0 पांगती पूर्व आई0ए0एस0, डा0 सुधारानी पाण्डेय पूर्व कुलपति संस्कृत विश्व विद्यालय, श्रीमती पुष्पा मानस, पूर्व शिक्षा निदेशक, एडवोकेट के0पी0 काला, डा0 नीलाम्बर पुनेठा, श्रीमती विनोद उनियाल, डा0 सविता मोहन, श्रीमती डौली डबराल, गिरीश चन्द पाण्डे, शोभा पाण्डे, गीता गैरोला, तनमय ममगई, लोकेश नवानी, गुणानंद जखमोला, अनिल जग्गी, कुसुम रावत, प्रतिमा पन्त, डा0 अजय कुमार बियानी, डा0 एस0एस0 मेहरा, डा0 ललित पन्त, कल्याण सिंह रावत सहित शहर के 100 से अधिक गण्यमान्य व्यक्ति तथा चिकित्सा जगत से जुड़े विशिष्ट व्यक्ति शामिल हुए।