पिथौरागढ़। पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर सीमांत जनपद के सभी कर्मचारी और शिक्षको ने रामलीला मैदान में एकत्रित होकर जोरदार नारेबाजी की। सभी कार्मिकों ने एकजुट होकर आगामी लोकसभा चुनाव में जो भी पुरानी पेंशन बहाली की बात करेगा उसे पूरा समर्थन देने का संकल्प लिया है।

एन एम ओ पी एस के जिलाध्यक्ष बिजेंद्र लुंठी के नेतृत्व में जिले के सभी विकास खंडों से पहुंचे कर्मचारियों के प्रांतीय नेतृत्व के आवाहन पर धरने के रूप में अपना रोष व्यक्त किया। सभा का संबोधन करते हुए एनएमओपीस जिला मंत्री मोहित बिष्ट ने कहा की सभी को एकजुट होकर पुरानी पेंशन बहाली के लिए आगे आना होगा। राजकीय शिक्षक संघ के जिला मंत्री प्रवीन रावल ने वोट फॉर ओ पी एस की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि कर्मचारियों और शिक्षक किसी भी राजनीतिक पार्टी का समर्थन या विरोध नहीं कर रहे है। वे बस उसी का साथ देंगे जो पुरानी पेंशन बहाल करेगा।

सभा में बोलते हुए राज्य कर्मचारी परिषद के जिलाध्यक्ष प्रदीप भट्ट और पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष सौरभ चंद ने सभी से एकजुट होने की अपील की। पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन (एनएमओपीएस) के जिलाध्यक्ष बिजेन्द्र लुंठी ने बताया कि पुरानी पेंशन बहाली की मांग को विगत एक साल से चरणबद्व आंदोलन चलाया गया है। इस बीच जिले के सैकडों कर्मचारी और शिक्षक दिल्ली में 1 अक्टूबर के आंदोलन में भी प्रतिभाग कर चुके है।

पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर राज्य सरकार से कई दौर की वार्ता हो चुकी है। उसके बाद भी सरकार का रुख जस का तस बना हुआ है। विगत दिनों शासन स्तर पर हुई वार्ता में हमारे द्वारा प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली की मांग रखी गयी थी, लेकिन सरकार ने उल्टा कर्मचारियों को एनपीएस की जानकारी के संबंध में वर्कशॉप आयोजित करने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ दिया है। जिसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। लुंठी ने बताया कि आंदोलन के अगले चरण में अब जनता को भी साथ लिया जाएगा।

सभा को दीपा रावत, ललित शर्मा, जगत सिंह खाती, राधा चौहान, हरीश पांडे, के एस अधिकारी, जीवन नेगी, हेम पाठक, पंकज तिवारी, गोकुल मखोलिया, योगेश डिमरी, अशोक ठाकुराथी, गिरधर रौतेला, रविन्द्र धामी, कैलाश भट्ट, हिमांशु उपाध्याय, भुपाल सिंह, बलवंत बोरा आदि ने संबोधित किया। इस मौके पर रोहित उप्रेती, नवीन महर, अरविंद, प्रमोद जोशी, नीरज जोशी, भूपेंद्र भंडारी, अनिल भट्ट, संजय वर्मा, आदि मौजद रहे