*कश्मीर घाटी पर जनपद का एक और लाल बलिदान,अंतिम दर्शन को भी करना पड़ा तीन दिन का इंतजार* चार कुमाऊं रेजीमेंट पर कार्यरत जनपद पिथौरागढ़ के बिण क्षेत्र पर निवासरत सिपाही देवेंद्र सिंह बसेड़ा की 2 दिन पूर्व सेना के श्रीनगर ट्रांजिट कैंप पर एक दुर्घटना पर मृत्यु हो गई थी *जिनका पार्थिव शरीर आज जनपद पर स्थित उनके निवास स्थान बिण पहुंचा जिस पर हजारों लोगों द्वारा नाम आंखों के साथ उन्हें विदाई दी गई । आज बड़ी संख्या पर आमजनमानस,जनप्रतिनिधि, सेना के जवानों तथा पूर्व सैनिक संगठन द्वारा श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। अभी 6 दिवस पूर्व ही छुट्टी से वापस गए जवान की दुर्घटना पर मृत्यु की खबर सभी के लिए हृदय विदारक थी, जवान की अभी 2 वर्ष पूर्व ही शादी हुई थी और अभी 7 मा का छोटा बच्चा भी है। मौत की खबर से सभी लोग आहट है। आज भारत माता की जयकारों के साथ उनकी अंतिम सब यात्रा सैन्य सम्मान के साथ निकाली गई। सिपाही देवेंद्र सिंह बसेड़ा डीडीहाट के लखेती गांव के मूल निवासी थे उनके पिता भी 4 कुमाऊं रेजिमेंट से सेवानिवृत्ति हैं, जोक बेटे की मृत्यु से बेहद आहत है जिनको पूर्व सैनिक संगठन द्वारा ढाढस बढ़ाया गया। आज उनके पैतृक स्थान पर स्थानीय अलाइमल घाट पर पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया, जहां सेवा के जवानों द्वारा अंतिम सलामी दी गई। पूर्व सैनिक संगठन द्वारा पुनः शासन प्रशासन को अपनी मांगों को दोहराया गया जिस पर कहा गया है कि ऐसे लोग जो देश सेवा पर अपने प्राणों की आहुति देते हैं उनके पार्थिव शरीर को जनपद तक अवश्य ही हवाई मार्ग से लाना चाहिए, आज भी दिवंगत जवान के पार्थिव शरीर को घर तक लाने में 3 दिन का वक्त लग गया जो की एक परिवार के लिए सबसे बड़ी बेदना का विषय होता है ,सैनिकों के नाम पर केवल बड़े-बड़े वादे और बातें करने वाले हमारे जनप्रतिनिधि केंद्र और राज्य सरकार सैनिकों के नाम पर बड़ी-बड़ी बातें करते हुए सत्ता पर काबिज तो हो जाते हैं लेकिन सैनिकों की इन बातों पर, शहीदों के सम्मान पर कभी गौर नहीं किया जाता और इस सीमांत जनपद पर पूर्व सैनिक अपने आप को हमेशा ठगा हुआ महसूस करते हैं। कभी इन बातों पर कोई गौर नहीं करती है जिसका की पूर्व सैनिक संगठन के माध्यम से बार-बार जिक्र उठाया जाता है।