पिथौरागढ़। जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी ने विगत दिवस रिलकोट में गौरी नदी पार करने के लिए लगाई गई गरारी वाले हादसे का संज्ञान लेते हुए एक आपातकाल बैठक बुलाई, जिसमें वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबन्धित विभागों के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। जिलाधिकारी ने हादसे में घायलों की स्थिति के बारे में जानकारी ली। जानकारी देते हुए उपजिलाधिकारी मुनस्यारी वैभव काण्डपाल ने बताया कि 4 व्यक्तियों में से 1 गम्भीर रूप से घायल है और 3 व्यक्तियों को फर्स्ट एड उपचार दे दिया गया है और उनकी स्थिति अब बेहतर है और गम्भीर रूप से घायल का इलाज चल रहा है, इस पर जिलाधिकारी ने जिला अस्पताल पिथौरागढ़ रेफर करने के आवश्यक निर्देश दिए। लो नि वि डीडीहाट की लापरवाही का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी ने सहायक अधिशासी अभियंता लोनिवि डीडीहाट मनोज नाथ से विस्तार में जानकारी ली, जिसपर अभियंता ने बताया कि गरारी की छमता से अधिक चार लोग सवार थे और अपने साथ लकड़ियां भी साथ ले जा रहे थे। वजन अधिक होने के कारण जाते वक्त नदी के बीच में ये हादसा हुआ और करीब 200 मीटर दूर तक बहने के बाद चारों लोग किसी तरह किनारे की तरफ आ गए, उनकी जान बच गई। जिलाधिकारी ने गरारी मरम्मत एवं क्षमता दर्शाते हुए डिस्पले बोर्ड के बारे में पूछा तो पता चला कि वहां कोई भी डिस्पले बोर्ड नही था और गरारी की भी मरम्मत होनी है। जिलाधिकारी ने इस लापरवाही के लिए लो नि वि डीडीहाट को जिम्मेदार माना और JE गौरव चंद और AE मनोज नाथ का अग्रिम आदेश तक वेतन आहरण पर रोक लगा दी और इस लापरवाही के लिए स्पष्टीकरण मांगा है। JE मनोज चंद पर विभागीय कार्रवाई हेतु शासन को एक पत्र प्रेषित किया है, इसके अतिरिक्त EE आशुतोष की जिम्मेदारी तय करते हुए उनसे भी स्पष्टीकरण मांगा है। जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी ने लोनिवि अस्कोट, लोनिवि डीडीहाट, के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि जितनी भी ट्राली गरारी और झूलापुल उनके कार्यक्षेत्र में आते हैं उन समस्त गरारी और झुलपुल की जांच अगले 03 दिन में सुनिश्चित की जाए और जिनकी मरम्मत होनी है कर ली जाय और जांच सर्टिफिकेट पेश किया जाए, अन्यथा आवश्यक कार्यवाही संबंधित के विरुद्ध की जाएगी। SDM मुनस्यारी, SDM डीडीहाट, SDM धारचूला को इन गरारियों का certificate 3 दिन में कार्यालय में प्रस्तुत करने के सख़्त निर्देश दिए। उन्होंने समस्त संबंधित अधिकारियों को 3 दिन के अंदर ये सारी आवश्यक कार्यवाई करने, इसके अतिरिक्त समस्त गरारी पर डिस्पले बोर्ड, जिस पर साफ साफ निर्देशों में लिखा हो, लगवाने के सख़्त निर्देश दिए और उपजिलाधिकारियो को इसे सुनिश्चित करने के सख़्त निर्देश दिए। उन्होंने उपजिलाधिकारियों से कहा कि इस मानसून काल में लापरवाही की वजह से कोई भी हादसे हुए तो उनकी जिम्मेदारी तय कर सख़्त कार्यवाही की जाएगी। समस्त उपस्थिति अधिकारियों को जिलाधिकारी ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि जानमाल का नुकसान प्रशासन बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं करेगा और जिम्मेदार अधिकारी पर इसी तरह सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने उपजिलाधिकारी मुनस्यारी की जिम्मेदारी तय करते हुए निर्देश दिए कि अब ऐसी लापरवाही वाली घटनाएं न हो, इस हेतु संबंधित विभागीय अधिकारियों से समन्वय बनाते हुए आवश्यक कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी ने गोंखागाड़ के बारे में भी जानकारी ली गयी। उन्होंने सीपू और मारछा गांव में आवागमन हेतु एक अस्थाई पुल की व्यवस्था करने के निर्देश लो नि वि को दिए । बात दे कि सोमवार को 3 बजकर 40 मिनट के करीब ग्रामीण विजय सिंह रावत, गंगा राम, दीवान राम व नकुल सिंह गरारी से दूसरे छोर को जा रहे थे। कुछ दूरी तय करने के बाद एकाएक गरारी की रस्सी टूट गई और सभी नीचे बह रही नदी में जा गिरे। ग्रामीणों के मुताबिक ग़रारी में लंबे समय से दिक्कत बताई जा रही है। बैठक में उपजिलाधिकारी सदर मंजीत सिंह, आपदा प्रबंधन अधिकारी भूपेश मेहरा एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपजिलाधिकारी धारचूला एवं डीडीहाट सहित PWD, PMJSY के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।