पिथौरागढ़।16 जुलाई, हरेला पर्व के दिन वृहद वृक्षारोपण अभियान आयोजन सम्बन्धी एक बैठक जिला कार्यालय में जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।
16 जुलाई 2025 से शुरू होने वाले हरेला पर्व के अंतर्गत वृहद वृक्षारोपण अभियान के संबंध में प्रभागीय वनाधिकारी आशुतोष सिंह ने अवगत कराया कि पिथौरागढ़ जनपद में हरेला पर्व/अभियान हर्षोल्लास के साथ वृक्षारोपण विभिन्न स्थानों पर किया जाना है और कुमाऊं मंडल को 2 लाख पौधे लगाने का टारगेट मिला है और जनपद पिथौरागढ़ में यक्षवती नदी के किनारे 10000 वृक्ष हरेला के दिन इको टास्क फोर्स की मदद से लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार इस वर्ष हरेला की थीम “हरेला का त्योहार मनाओ, धरती माँ का ऋण चुकाओ, एक पेड़ माँ के नाम” है और यह पर्व 16 जुलाई से पूरे एक माह तक किया जाएगा। प्रभागीय वनाधिकारी ने बताया कि फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने एक रोड़मैप तैयार किया है और इको टास्क फोर्स इस हेतु मदद कर रही है और इसके सफल आयोजन हेतु जिला प्रशासन से समन्वय स्थापित कर कार्य किया जा रहा है।
प्रथम दिन, जनपद में 10000 पौधे यक्षवती नदी के किनारे वृक्षारोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें पिथौरागढ़ जनपद अपने आवंटित लक्ष्य के अनुसार योगदान देगा। जिलाधिकारी ने समस्त विभागों को निर्देश देते हुए कहा कि सभी विभाग वृक्षारोपण अभियान में हिस्सा लेंगे और उस दूसरा फोटोग्राफ और वीडियोस बनाकर शेयर करेंगे। जिलाधिकारी ने मुख्य उद्यान अधिकारी को जनपद में उनके माध्यम से बंट रहे पौधों एवं निजी नर्सरी से खरीदे गए पौधों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए ताकि इनका रिकॉर्ड रखा जा सके। इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी डॉ दीपक सैनी ने समस्त विकास खण्ड अधिकारियों को पौधे का रिकॉर्ड बनाने एवं उनकी GIS टैगिंग करने एवं उनकी देखभाल भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए ।
पिथौरागढ़ जनपद में इस अभियान के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु, वन विभाग, कृषि, जलागम, शहरी विकास, आवास, ग्राम्य विकास, उद्योग, पंचायती राज विभाग, खेल विभाग, शिक्षा विभाग, सूचना एवं अन्य जिला स्तर के अधिकारियों को आभियान में बढ़ चढ़कर प्रतिभाग करने के निर्देश दिए ।

बैठक में कार्यक्रम की रूपरेखा, वृक्षारोपण स्थलों (जैसे सार्वजनिक स्थान, हरेला वन, नदियों के किनारे, गाड़-गदेरे, स्कूल/कॉलेज परिसर, विभागीय परिसर, सिटी पार्क, और विकास प्राधिकरणों / आरडब्ल्यूए के सहयोग से आवासीय क्षेत्र) का चयन, और प्रत्येक विभाग की भूमिकाओं व दायित्वों का निर्धारण किया । इस अभियान में स्थानीय जनप्रतिनिधियों, छात्रों, स्थानीय निकायों, संस्थानों, जिला विकास प्राधिकरणों, आरडब्ल्यूए, एनजीओ, वन पंचायतों और आम जनमानस की व्यापक भागीदारी सुनिश्चित की गयी। प्रभागीय वनाधिकारी, पिथौरागढ़, निःशुल्क पौधों की व्यवस्था के लिए नोडल अधिकारी हैं,और यह सुनिश्चित करेंगे कि कम से कम 50 प्रतिशत पौध फलदार प्रजातियों के हों। इन पौधों का रखरखाव संबंधित विभागों, स्थानीय ग्रामीणों, लाभार्थियों, वन पंचायतों, और महिला / युवा मंगल दलों के माध्यम से कराया जाएगा।
इसके अतिरिक्त, वन और वन्यजीव संरक्षण के प्रति जन जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्यक्रम का व्यापक प्रचार-प्रसार सोशल और डिजिटल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से किया जाएगा, ताकि यह अभियान आगामी वर्षों में स्वप्रेरणा से संचालित हो सके।
सभी विभागों को बताया गया कि अधिप्राप्ति नियमावली, 2017 और संबंधित वित्तीय नियमों / शासनादेशों का पालन करते हुए निजी पौधशालाओं से हरेला कार्यक्रम के लिए पौधों की खरीद की जा सकती है। राज्य निर्वाचन आयोग,के अनुसार, जनप्रतिनिधि शहरी क्षेत्रों, वन क्षेत्रों, और जनपद हरिद्वार में आयोजित राजकीय कार्यक्रमों में भाग ले सकते हैं, लेकिन ग्रामीण/पंचायती निर्वाचन क्षेत्रों में राजकीय कार्यक्रमों में अतिथि के रूप में भाग नहीं ले सकेंगे और न ही निःशुल्क पौध वितरण करेंगे। निःशुल्क पौध वितरण के संबंध में अधिकारियों/कर्मचारियों पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा। अतः इस महत्वपूर्ण अभियान के सफल कार्यान्वयन में अपने विभाग की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करें।
बैठक में जिला विकास अधिकारी रमा गोस्वामी, उपजिलाधिकारी सदर मंजीत सिंह, एवं विभागों के विभागाध्यक्ष ने प्रतिभाग किया।