जम्मू। कश्मीर संभाग के बारामुला में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच बृहस्पतिवार तड़के से मुठभेड़ जारी है। इसमें अभी तक तीन जवान और एक नागरिक घायल हो गए हैं। घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया है। दोनों ओर से फायरिंग जारी है। इसी बीच लश्कर-ए-तैयबा के 12 लाख रुपये का इनामी आतंकी दुर्दांत आतंकी युसूफ कांतरु सहित कुल पांच आतंकी मुठभेड़ में मारे गए। इनमें तीन विदेशी आतंकियों सहित दो स्थानीय आतंकी शामिल हैं। एलईटी का मारा गया आतंकी कांतरु बीते माह बड़गाम में एक पुलिस एसपीओ और उसके भाई की हत्या में भी शामिल था। फिलहाल अभी तक पांच आतंकियों को ढेर कर दिया गया है लेकिन अधिकारिक रूप से इसकी पुष्टि होना अभी बाकी है।
जानकारी के अनुसार, उत्तरी कश्मीर के बारामुला जिला के मालवा इलाके में गत देर रात सुरक्षाबलों और स्थानीय पुलिस को आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली। इसके तुरंत बाद देर रात शुुरू किए गए तलाशी अभियान के दौरान एक जगह छिपे आतंकियों ने अंधेरे का लाभ उठाते हुए सुरक्षाबलों पर अचानक फायरिंग करना शुरू कर दी। सुरक्षाबलों ने तुरंत मोर्चा संभालते हुए आतंकियों के छिपने वाले ठिकाने पर फायरिंग की। दोनों ओर से जारी फायरिंग के दौरान अभी तक तीन जवान और एक नागरिक घायल हो गए हैं। सुरक्षाबलों को अब तक कुल पांच आतंकियों को मार गिराने में सफलता मिली है। अभी भी मुठभेड़ स्थल पर आतंकियों की ओर से फायरिंग जारी है।कश्मीर के आइजी विजय कुमार ने बताया कि बारामुला के मालवा इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी है। उन्होंने माना कि दोनों ओर से जारी फायरिंग में तीन जवानों और एक नागरिक को मामूली चोटें आई हैं। उनका अस्पताल में इलाज जारी है। जल्द ही आतंकियों का खात्मा कर दिया जाएगा। अन्य विवरण प्रतीक्षारत हैं।
यहां यह बता दें कि आगामी बाबा अमरनाथ यात्रा को मद्देनजर रखते हुए कुछ दिन पहले ही आतंकियों ने यात्रा में खलल डालने की धमकी दी थी। हालांकि देश-विदेश से लाखों की तादाद में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए प्रदेश भर में सुरक्षा के बेहतर प्रबंध किए गए हैं। चूंकि कश्मीर में अब आतंकियों की संख्या नाममात्र रह गई है और ऐसे में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने और मनोबल बढ़ाने के उद्देश्य से बीच-बीच में आतंकी सुरक्षाबलों और आम नागरिकों को निशाना बनाने की नापाक मंसूबों को अंजाम देते हैं। कश्मीर में पिछले कुछ दिनों से अचानक आतंकी घटनाओं में वृद्धि हुई है। कि सीमा पार बैठे आतंकी आकाओं का कश्मीर में सक्रिय आतंकियों पर दबाव है लेकिन बावजूद इसके अब कश्मीर के युवा आतंकवाद के रास्ते पर चलना नहीं चाहते हैं। इससे आतंकियों की संख्या अब गिनती की ही रह गई है।