पिथौरागढ़ टुडे 20 नवंबर
बेरीनाग। राममंदिर क्षेत्र का प्रसिद्ध बौराणी मेला संपन्न हो गया है। इस मेले में 27 फीट लंबी चीड़ के छिलकों की मशाल मेले का मुख्य आकर्षण रही। सैम मंदिर की सात बार परिक्रमा के बाद मशाल को मंदिर परिसर में स्थापित किया गया। मशाल स्थापना के समय देव डंगरियों ने अवतरित होकर भक्तों को आशीर्वाद दिया।
बौराणी मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुभारंभ मुख्य अतिथि कांग्रेस नेता खजान चंद गुड्डू ने किया। उन्होंने कहा मेले हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर हैं। इन्हें संजोना सभी का दायित्व है। मेले में कलाकारों ने कुमाउंनी गीतों की मनमोहक प्रस्तुति दी। इसके अलावा मेलार्थियों ने झोड़ा, चांचरी रस्तुत की। देर रात 27 फीट लंबी चीड़ के छिलकों की मशाल जलाई गई। इस मशाल को श्रद्धालुओं ने कंधे में रखकर सैम मंदिर की परिक्रमा की। इसके बाद मशाल को मंदिर परिसर में स्थापित किया गया। यह मशाल रात भर जलती रही। बौराणी मेले में हर साल निकलने वाली छिलकों की मशाल सबसे अधिक आकर्षण का केंद्र रहती है।
The mashal of 27 feet long peels kept burning overnight in the Baurani fair
pithoragarh today 20 november Berinag. The famous Baurani fair of Ram Mandir area has concluded. In this fair, the mashal of 27 feet long pine peels was the main attraction of the fair. After seven rounds of Sam temple, the mashal was installed in the temple premises. Dev Dangari incarnated and blessed the devotees.The cultural programs at the Baurani fair were inaugurated by the chief guest, Congress leader Khajan Chand Guddu. He said that fairs are our cultural and religious heritage. It is everyone’s responsibility to cherish them. In the fair, the artists gave an enchanting performance of Kumaoni songs.Apart from this, the Mailarthians presented a jhada, chancery. Late night a mashal of 27 feet long pine peels was lit. Devotees carrying this mashal on their shoulders circumambulated the Sam Devta temple. After this the mashal was installed in the temple premises. This mashal kept burning throughout the night. The mashal of the peels that comes out every year in the Baurani fair is the center of attraction.