नई दिल्ली। नए संसद भवन में गणेश चतुर्थी के दिन लोकसभा में नारी शक्ति वंदन विधेयक के नाम से महिला आरक्षण विधेयक पेश किया गया। 27 वर्षों से लटके इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य देश की आधी आबादी यानि महिलाओं को लोक सभा और विधान सभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण देना है। विधेयक के प्रभावी होने के बाद लोक सभा में महिलाओं के लिए 181 और विधान सभाओं में 1374 सीट महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी। यह आरक्षण पंद्रह वर्ष के लिए होगा और इसे बढ़ाने का अधिकार संसद के पास रहेगा। नए संसद भवन में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने 128वां संशोधन विधेयक पेश किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश की विकास यात्रा में ऐसे अवसर आते हैं। यह दिन इतिहास में नाम दर्ज कराने वाला है। इस पवित्र काम के लिए ईश्वर ने उन्हें चुना है। नारी शक्ति वंदन अधिनियम से लोकतंत्र मजबूत होगा। पीएम मोदी ने कहा कि 1996 में इससे जुड़ा बिल पहली बार पेश हुआ। अटल बिहारी बाजपेयी के कार्यकाल में कई बार महिला आरक्षण का बिल पेश किया गया, लेकिन उसे पार कराने के लिए आंकड़े नहीं जुटा पाए। उसके कारण वह सपना अधूरा रह गया। एक बार फिर हमारी सरकार ने इस दिशा में कदम बढ़ाया है। हम इस बिल को कानून बनाने के लिए संकल्पबद्ध हैं।
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दोनों सदनों की मंजूरी के बाद बनेगा कानून
नई दिल्ली। नारी शक्ति विधेयक पर बुधवार को लोकसभा में चर्चा होगी। गुरुवार को विधेयक राज्य सभा में पेश किया जाएगा। संसद के दोनों सदनों की मंजूरी के बाद कानून बनने पर लोकसभा और राज्य की विधान सभाओं में 33 फीसदी सीट महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी।