पिथौरागढ़। अनैतिक देह व्यापार के मामले की सुनवाई करते हुए जिला सत्र न्यायाधीश शंकर राज ने एक महिला और उसके सहयोगी को सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। जबकि एक अभियुक्त को तीन वर्ष के कारावास की सजा दी गई है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार जून 2017 को पुलिस को पिथौरागढ़ नगर के सिल्थाम के समीप स्थित एक मकान में देह व्यापार करने की सूचना मिली। मुखबिर ने पुलिस को बताया कि किराए के कमरे में रहने वाली महिला लड़कियों, औरतों और मर्दों को बुलाकर अनैतिक देह व्यापार करती है। पुलिस ने जब सीओ के नेतृत्व में छापा मारा तो दरवाजा खोलने वाली महिला ने अपना नाम मुन्नी देवी बताया। एक व्यक्ति चारपाई पर बैठा था। जब दूसरे कमरे को खोला गया तो वहां एक जोड़ा आपत्तिजनक हालत में पकड़ा गया। पुलिस ने इस मामले में अनैतिक देह व्यापार कराने में पकड़ी गई महिला मुन्नी देवी, उसके सहयोगी नारायण सिंह और एक महिला के साथ आपत्तिजनक हालत में मिले इमरान कुरैशी के खिलाफ पिथौरागढ़ कोतवाली में अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम 3,4,5,6 की धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। जिला सत्र न्यायाधीश शंकर राज ने मामले की सुनवाई करते हुए मुन्नी देवी और नारायण सिंह को धारा-3 अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम में दो वर्ष का कठोर कारावास व दो हजार रुपये का अर्थदंड, धारा-4 के तहत दो वर्ष का साधारण कारावास व एक हजार रुपये का अर्थदंड, धारा-5 में सात वर्ष का कठोर कारावास और दो हजार का अर्थदंड, धारा-6 के तहत सात वर्ष का कठोर कारावास और 10 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। जुर्माना नहीं देने पर दो वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। न्यायाधीश ने आरोपी इमरान कुरैशी को धारा-5 अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम के तहत तीन वर्ष का कठोर कारावास और दो हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। मामले की पैरवी जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी प्रमोद पंत ने की।