खटीमा। ऊधमसिंहनगर के खटीमा के श्रीपुर बिचुवा के मजरा फार्म में हुई रोचक घटना में गुरुवार को नामकरण से लेकर विवाह तक के कार्यक्रम दुबारा संपन्न कराए गए। बुधवार शाम को वापस लौटे नवीन भट्ट का नामकरण किया गया। पंडित आनंद बल्लभ जोशी ने नवीन को नया नाम नारायण भट्ट दिया गया। उसके बाद यज्ञोपवीत संस्कार हुआ। कन्या पक्ष के चाचा और मां टनकपुर से आए। वर पक्ष से बातचीत के बाद विवाह की रस्म भी पूरी की गई। चार घंटे में जीवनभर के संस्कार कराए गए।
पंडित आनंद बल्लभ जोशी ने बताया कि वह सुबह आठ बजे मजरा फार्म पहुंच गए थे। सबसे पहले उन्होंने नामकरण संस्कार किया। नवीन भट्ट को नया नाम नारायण भट्ट दिया गया। कहा कि नवीन को हिंदू धर्म के अनुसार नया जन्म मिला है। नवीन अब नारायण के नाम से जाना जाएगा। नामकरण के बाद नारायण का जनेऊ संस्कार किया गया। विवाह की बात बगैर कन्या पक्ष की मौजूदगी के संभव नहीं थी। इसलिए टनकपुर से कन्या पक्ष के लोग गांव में पहुंचे। वर एवं कन्या पक्ष में जब विवाह की बात तय हुई तो पंडित जोशी ने वर-वधू का विवाह संपन्न कराया। जोशी ने बताया कि इस पूरे कार्यक्रम में चार घंटे का समय लगा। गुरुवार को भी परिवार ने मीडिया व अन्य लोगों से दूरी बनाए रखी। केवल नारायण भट्ट के भाई केशव दत्त भट्ट ही लोगों से मिले।
बता दें कि परिजनों ने नवीन भट्ट को मरा समझकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया था। अचानक उसके वापस आ जाने से सभी भौचक रह गए थे। इसके बाद नामकरण से लेकर विवाह तक की यह रस्में पूरी की गई।