पिथौरागढ़। मुनस्यारी में सक्रिय चक्कू गैंग के तीन सदस्यों को पुलिस ने सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है। इस गैंग का एक सदस्य पहले से ही जेल में बंद है।
छह दिसंबर को खड़क सिंह निवासी भटकुड़ा द्वारा थाना मुनस्यारी में तहरीर दी थी कि पांच दिसंबर 2023 को वह शादी समारोह से अपने साथी के साथ किसी रिश्तेदार के यहां जा रहे थे । इस दौरान करीब 10.00 बजे रात्रि में लवराज सिंह चिराल, महेश पवार व सौरभ पांगती द्वारा उनके साथ मारपीट की गई। मोबाइल छीनने की कोशिश करते हुए उन्हें जान से मारने की धमकी दी गयी। उनके चंगुल से वह बमुश्किल जान बचाकर भागे । खड़क सिंह की तहरीर के आधार पर थाना मुनस्यारी में धारा 323/394/504/506 आईपीसी के तहत अभियोग पंजीकृत किया गया।
जांच में पता चला कि इन आरोपियों द्वारा पूर्व में भी कई वारदातों को अंजाम दिया जा चुका है। इनके द्वारा आये दिन शादी बारातों व अन्य समारोह में भी इनके द्वारा लड़ाई झगड़ा मारपीट की जाती है। कई बार इन पर धारा 151 सीआरपीसी की भी कार्यवाही की जा चुकी है। आम जनता में इनका भय व्याप्त हुया था। इनको चक्कू गैंग के नाम से जाना जाने लगा था। महेश पवार के विरुद्ध पूर्व में भी धारा 323/504/506 आईपीसी के तहत मुकदमा पंजीकृत कर आरोप पत्र न्यायालय भेजा जा चुका है। पुलिस ने बताया कि इनका एक साथी उमेश जोशी, एक व्यक्ति के सिर पर गम्भीर चोट पहुंचाकर जान से मारने की कोशिश करने पर धारा 307 आईपीसी के तहत जेल में बंद है ।
पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह द्वारा इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए प्रभारी निरीक्षक थाना मुनस्यारी के नेतृत्व में आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित की गयी । पुलिस टीम ने को तीनों आरोपियों महेश पवार निवासी रामकोट मुनस्यारी उम्र 19 वर्ष, लवराज सिंह चिराल निवासी चौना मुनस्यारी उम्र 20 वर्ष, सौरभ पांगती निवासी मुनस्यारी उम्र 23 वर्ष को दबिश देकर गिरफ्तार किया गया। तीनों को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक रिमाण्ड पर जेल भेज दिया गया है ।
पुलिस टीम में मुनस्यारी थाना के प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार, बीसी मासीवाल, दिगंबर खाती, नरेंद्र कुटियाल शामिल रहे। पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह का कहना है कि आम जनता को किसी भी अपराधी से भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है । यदि किसी भी प्रकार की आपराधिक घटना या कोई शान्ति व्यवस्था भंग करे तो उसकी सूचना तत्काल 112 पर या स्थानीय पुलिस थाने में दें, ताकि समय पर इनके विरूद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की जा सके।