देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर सचिव विनोद कुमार सुमन ने आदेश जारी किया है। अब मूल निवास प्रमाण-पत्र धारकों को स्थाई निवास प्रमाण पत्र बनाने की बाध्यता नहीं होगी।

सचिव विनोद सुमन ने बताया कि राज्य में सेवायोजन, शैक्षणिक संस्थाओं, प्रदेश में अन्य विभिन्न कार्यों हेतु अब स्थाई निवास प्रमाण पत्र बनाने की बाध्यता नहीं होगी। उन्होंने कहा कि जिन प्रयोजनों के लिए स्थाई निवास प्रमाण पत्र की आवश्यकता है, उनके लिए मूल निवास प्रमाण पत्र धारकों को स्थाई निवास प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए जाने हेतु बाध्य न किया जाए।

मूल निवास के संबंध मे धामी का फैसला स्वागत योग्य, अफवाहों पर लगा विराम: भट्ट

देहरादून। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने राज्य मे मूल निवास को लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्णय को स्वागतयोग्य कदम बताते हुए कहा कि यह प्रदेश के मूल निवासियों के हित मे लिया गया अच्छा फैसला है। भट्ट ने कहा कि मूल निवास प्रमाण पत्र के संबंध मे स्पष्ट निर्देश दिये गए हैं कि अब मूल निवास प्रमाण पत्र धारकों को अब स्थायी प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है।

हालांकि पूर्व मे भी इसके लिए वर्ष 2007 मे निर्देश जारी किये गए थे। उत्तराखंड मे मूल निवास प्रमाण पत्र धारकों को स्थाई निवास प्रमाण पत्र के लिए विवश किया जा रहा था। विभाग भी बाध्य नही कर पाएंगे। भट्ट ने कहा कि सीएम पुष्कर सिंह धामी आम जन की समस्याओं को लेकर गंभीर है। उन्होंने कहा कि सीएम युवा बेरोजगारों और प्रतियोगी परीक्षार्थियों के हितों को लेकर गंभीर है। उन्होंने कहा कि मूल निवास को लेकर फैलाये जा रहे भ्रम को लेकर पार्टी सतर्क है और किसी भी परस्थिति मे आम जन को कठिनाइयों का सामना नही करना पड़ेगा।