देहरादून: उत्तराखंड के युवा बाल साहित्यकार इंजी. ललित शौर्य के ‘मोबाइल नहीं, पुस्तक दो’ अभियान की सराहना प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी ने की। देहरादून सचिवालय स्थित कार्यालय में इंजी. ललित शौर्य ने मुख्यमंत्री धामी से मुलाकात की। इस अवसर पर शौर्य ने उन्हें अपने मोबाइल नहीं, पुस्तक दो अभियान के बारे में जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने उनके कार्यों की सराहना की।
इंजी.ललित शौर्य विगत 10 वर्षों से बाल साहित्य में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने मोबाइल नहीं, पुस्तक दो अभियान चलाया हुआ है। अब तक वे विभिन्न माध्यमों से 65 हजार से अधिक बाल साहित्य की पुस्तकें बच्चों में वितरित कर चुके हैं। इंजी.शौर्य की 13 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। स्वच्छता के सिपाही, कोरोना वॉरियर्स, स्वच्छता ही सेवा, स्वास्थ्य के प्रहरी, फॉरेस्ट वॉरियर्स, गंगा के प्रहरी, परियों का संदेश, जादुई दस्ताने, मैजिकल ग्लब्ज, बाल तरंग, दादाजी की चौपाल, जल की पुकार पुस्तकें बच्चों को बहुत पसंद आ रही हैं। इन पुस्तकों में जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण, गंगा संरक्षण, स्वास्थ्य, विज्ञान आदि विषयों को केंद्र में रखकर बाल कहानियां लिखी गई हैं। इंजी.शौर्य की बाल कहानियों का अनुवाद अंग्रेजी, मराठी, गुजराती, मलयालम, तमिल, तेलगु, कन्नड़, उर्दू, कुमाउनी, गढ़वाली, गुरुमुखी आदि भाषाओं में हो चुका है। इसके साथ ही ललित को उनके लेखन के लिए अनेक राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं।
अभियान’देहरादून: उत्तराखंड के युवा बाल साहित्यकार इंजी. ललित शौर्य के ‘मोबाइल नहीं, पुस्तक दो’ अभियान की सराहना प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी ने की। देहरादून सचिवालय स्थित कार्यालय में इंजी. ललित शौर्य ने मुख्यमंत्री धामी से मुलाकात की। इस अवसर पर शौर्य ने उन्हें अपने मोबाइल नहीं, पुस्तक दो अभियान के बारे में जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने उनके कार्यों की सराहना की। इंजी.ललित शौर्य विगत 10 वर्षों से बाल साहित्य में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने मोबाइल नहीं, पुस्तक दो अभियान चलाया हुआ है। अब तक वे विभिन्न माध्यमों से 65 हजार से अधिक बाल साहित्य की पुस्तकें बच्चों में वितरित कर चुके हैं। इंजी.शौर्य की 13 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। स्वच्छता के सिपाही, कोरोना वॉरियर्स, स्वच्छता ही सेवा, स्वास्थ्य के प्रहरी, फॉरेस्ट वॉरियर्स, गंगा के प्रहरी, परियों का संदेश, जादुई दस्ताने, मैजिकल ग्लब्ज, बाल तरंग, दादाजी की चौपाल, जल की पुकार पुस्तकें बच्चों को बहुत पसंद आ रही हैं। इन पुस्तकों में जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण, गंगा संरक्षण, स्वास्थ्य, विज्ञान आदि विषयों को केंद्र में रखकर बाल कहानियां लिखी गई हैं। इंजी.शौर्य की बाल कहानियों का अनुवाद अंग्रेजी, मराठी, गुजराती, मलयालम, तमिल, तेलगु, कन्नड़, उर्दू, कुमाउनी, गढ़वाली, गुरुमुखी आदि भाषाओं में हो चुका है। इसके साथ ही ललित को उनके लेखन के लिए अनेक राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं।