पिथौरागढ़ टुडे 15अक्तूबर
पिथौरागढ़। मनरेगा कर्मियों ने सरकार पर उपेक्षा और वादाखिलाफी का आरोप लगाया है। मनरेगा संगठन के प्रदेश मीडिया प्रभारी हितेंद्र वल्दिया ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में कहा है कि नियमितीकरण की एक सूत्रीय मांग के लिए मनरेगा कर्मी पिछले कई वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं। लगातार 15 वर्षों से मनरेगा योजना को सफलतापूर्वक संचालित कर रहे मनरेगा कर्मियों की आज भी सुध नहीं ली जा रही है। उनका कहना है कि बार-बार शासन प्रशासन के समक्ष मांग उठाने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं होने से मनरेगा कर्मियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा है कि पिछले 15 मार्च से मनरेगा कर्मी अपनी मांगों को लेकर कलमबंद अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए थे। तीन माह की लंबी हड़ताल के बाद शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल के आश्वासन पर हड़ताल समाप्त की गई थी। मुख्यमंत्री बनते ही पुष्कर सिंह धामी ने भी हड़ताल की अवधि का मानदेय देने की बात कही थी वह भी कोरी घोषणा साबित हुई है। कैबिनेट में मनरेेगा कर्मियों के विषय में कोई चर्चा नहीं होने से सभी निराश हैं। हितेंद्र वल्दिया का कहना है कि यदि शीघ्र सरकार उनकी मांग पर ध्यान नहीं देती है तो प्रदेश भर के मनरेगा कर्मियों को दुबारा आंदोलन में कूदने के लिए मजबूर होना पड़ेेगा।