पिथौरागढ़। ‘‘अर्जुन अवार्ड‘‘(भारत सरकार) और ‘‘देवभूमि राज्य लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड‘‘ (उत्तराखण्ड सरकार) से नवाजे गए बास्केटबॉल खिलाड़ी हरि दत्त कापड़ी का 83 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। मूल रूप से पिथौरागढ़ मुवानी के चिड़ियाखान भंडारी गांव निवासी हरि दत्त 14 साल की उम्र में बॉयज कंपनी बंगाल में भर्ती हुए। उनकी फुटबॉल, बॉलीबॉल और बास्केटबॉल में रुचि थी। उन्होंने बास्केटबाल खेल को चुना और भारतीय बास्केटबाल टीम का नेतृत्व करते हुए 1965 में आरके कप और 1976 में नेहरू गोल्ड कप, 1977 में राम मेमोरियल कप प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक प्राप्त कर भारतीय बास्केटबाल टीम का नाम विश्व में रोशन किया था। वर्ष 1976 में पाकिस्तान के लाहौर में आयोजित कायदे आजम प्रतियोगिता में भारतीय टीम ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था। हरि दत्त कापड़ी को सर्वोत्तम खिलाड़ी घोषित किया गया। उनके विशेष योगदान से भारत को स्वर्ण पदक मिला था। 1969 में भारत सरकार की ओर से उन्हें ‘अर्जुन अवार्ड’ से सम्मानित किया गया। 1980 में उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली। सेना से सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने बिरला बाल मंदिर, नैनीताल में कोच के पद कार्यरत रहे। बास्केटबाल में देश का नाम ऊंचा करने वाले हरि दत्त कापड़ी ने वर्ष 1962, 1965 और 1971 के युद्ध में भाग लेकर देश की सीमाओं की रक्षा के लिए अपना सक्रिय योगदान दिया था। उनके नाम पर पिथौरागढ़ के एसएस वल्दिया स्पोर्ट्स स्टेडियम में दर्शक दीर्घा भी बनाई गई है। उनके निधन से जिले भर में शोक की लहर है। बृहस्पतिवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

