पिथौरागढ़। पवित्र आदि कैलाश यात्रा को और अधिक सुचारु, सुरक्षित एवं सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से आज जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी की अध्यक्षता में आदि कैलाश विकास समिति ग्राम सभा कुटी, विकास खण्ड, धारचूला के पदाधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में यात्रा से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई और कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
बैठक में समिति एवं जिला प्रशासन के मध्य कुछ बिन्दुओं पर सहमति हुई जिसमें आदि कैलाश विकास समिति द्वारा ग्रीन टैक्स एवं सुविधा शुल्क के रूप में 100/-रुपये प्रति वाहन प्राप्त किया जा रहा है, जो भविष्य में भी जारी रहेगा। इस हेतु जिला पंचायत, पिथौरागढ़ अथवा विकास खण्ड, धारचूला से अनुमति प्राप्त करनी अनिवार्य होगी। ज्यौलिंकांग से पार्वती कुण्ड तक 03 वाहनों की शटल सेवा प्रारम्भ की जायेगी। वृद्ध एवं शारीरिक रूप से असमर्थ श्रधालुओं को शटल सेवा में प्राथमिकता दी जायेगी। आदि कैलाश विकास समिति द्वारा उपजिलाधिकारी, धारचूला के साथ बैठक कर शटल सेवा का किराया (प्रति वाहन) निर्धारित किया जायेगा। इसके साथ ही आदि कैलाश यात्रा हेतु स्वस्थ्य घोड़ों का ही संचालन किया जायेगा तथा घोड़ों की टैगिंग, सैम्पलिंग व इन्शयोरेंस कराना अनिवार्य होगा। स्वस्थ्यता के सम्बन्ध में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, पिथौरागढ़ से प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाना आवश्यक होगा। आदि कैलाश यात्रा हेतु घोड़ों-खच्चरों का संचालन स्थानीय व्यक्तियों द्वारा ही किया जायेगा। साथ ही घोड़े खच्चर संचालकों का आरियन्टेशन प्रोग्राम स्थानीय प्रशासन द्वारा कराया जायेगा ताकि पर्यटकों को बेहतर सुविधा एवं सम्मानजनक यात्रा का अनुभव हो सके, पर्यटन को बढ़ावा मिल सके और स्थानीय लोग की आय में भी बढ़ोतरी हो सके । घोड़े खच्चर सेवा हेतु रुपये 2500/- निर्धारित होगा तथा किराया सूची यात्रा मार्ग पर इंगित की जायेगी। जनपद आपदा प्रबन्धन विभाग द्वारा आदि कैलाश विकास समिति को राहत बचाव कार्य हेतु आवश्यक उपकरण उपलब्ध करवाये जायेंगे तथा प्रशिक्षण भी प्रदान कराया जायेगा।उपरोक्त उल्लिखित व्यवस्थायें आदि कैलाश विकास समिति द्वारा स्थानीय प्रशासन से समन्वय करते हुए करवायी जायेंगी। जिलाधिकारी ने स्थानीय जनता से आर्मी, आई टी बी पी एवं बी आर ओ के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सहयोग करने की अपील की है।
बैठक में जिलाधिकारी ने आदि कैलाश यात्रा के सुचारु संचालन और स्थानीय आजीविका संवर्धन सुनिश्चित करने के लिए ग्रामीणों को जिला प्रशासन से समन्वय बनाए रखने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा न केवल आध्यात्मिक महत्व रखती है, बल्कि क्षेत्र के स्थानीय लोगों के लिए आजीविका का एक महत्वपूर्ण साधन भी बन गई है।जिलाधिकारी ने कहा कि जिला प्रशासन इस बात पर जोर देता है कि यात्रा से स्थानीय लोगों को आर्थिक लाभ मिले। यह सुनिश्चित करना भी हम सभी की जिम्मेदारी है कि यह प्रक्रिया शांतिपूर्ण और व्यवस्थित ढंग से बनी रहे। पर्यटकों को एक सुखद और यादगार अनुभव मिले, इसके लिए सभी के सहयोग की आवश्यकता है। उन्होंने सभी स्थानीय नागरिकों और यात्रा से जुड़े सभी लोगों से अपील की कि वे किसी भी प्रकार की अराजकता फैलाने से बचें और कानून व्यवस्था का पालन करें। अव्यवस्था और अनुचित व्यवहार से यात्रा की छवि खराब होती है और पर्यटकों को परेशानी होती है, जिसका सीधा नकारात्मक प्रभाव स्थानीय अर्थव्यवस्था पर पड़ता है।
उन्होंने कहा कि पर्यटकों को भारत के अतिथि देवो भवः की भावना के अनुरूप सम्मान और सुविधा प्रदान करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। उनकी यात्रा को आरामदायक और सुरक्षित बनाना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने ये भी माना कि इस पहल के बाद आदि कैलाश यात्रियों को बेहतर सुविधा एवं सुरक्षित वातावरण मिलेगा, इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और निश्चित रूप से स्थानीय जनता की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा और इस क्षेत्र का विकास होगा। आदि कैलाश यात्रा से होमस्टे, स्थानीय हस्तशिल्प, गाइड सेवाओं और परिवहन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि ये अवसर बने रहें और स्थानीय समुदाय को उनका पूरा लाभ मिले।
जिला प्रशासन सभी से सहयोग की अपेक्षा करता है ताकि आदि कैलाश यात्रा न केवल एक सफल धार्मिक यात्रा हो, बल्कि स्थानीय समुदाय के लिए आर्थिक सशक्तिकरण का माध्यम भी बनी रहे और पर्यटकों को एक अविस्मरणीय अनुभव प्राप्त हो। इस दौरान तहसीलदार धारचूला, मुख्य पशुपालन अधिकारी एवं आदि कैलाश समिति ग्राम कुटी के अध्यक्ष पुनीत सिंह कुटियाल एवं सदस्य आदि मौजूद रहे।

