पिथौरागढ़। विकास कार्यों में ढिलाई बर्दाश्त नहीं: डीएम ने विभागों को तेज़ी और गुणवत्ता सुधार के कड़े निर्देश दिए

निर्माण कार्यों की गड़बड़ियों और लापरवाही पर जिलाधिकारी का सख्त रुख

अस्पष्ट फोटो, धीमी प्रगति और जवाबदेही की कमी पर अधिकारियों को कड़ी चेतावनी

जिलाधिकारी आशीष भटगांई की अध्यक्षता में आज जिला मुख्यालय में जिला योजना व्यय प्रगति एवं बीस सूत्रीय कार्यक्रमों की उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में सभी विभागीय अधिकारियों ने योजनाओं, बजट, प्रगति और कार्यों में आने वाली बाधाओं का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया।जिलाधिकारी ने विभागवार बजट तथा वास्तविक व्यय की समीक्षा करते हुए कहा कि वित्तीय वर्ष के मध्य चरण तक योजनाओं की गति तेज होना अनिवार्य है, ताकि अंतिम तिमाही में अनावश्यक दबाव न बढ़े। लोक निर्माण, ग्रामीण निर्माण, स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा, जल संस्थान तथा अन्य विभागों की धीमी प्रगति पर उन्होंने स्पष्ट असंतोष व्यक्त किया।जिलाधिकारी ने कहा कि कई कार्यदायी संस्थाओं द्वारा भेजी जा रही तस्वीरें धुंधली, अधूरी और बिना विवरण वाली हैं, जो कार्य की वास्तविक स्थिति प्रदर्शित नहीं करतीं। उन्होंने निर्देश दिए कि हर कार्यस्थल की पूर्व, मध्य और पूर्ण अवस्था की उच्च गुणवत्ता वाली फोटो अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराई जाए, जिसमें स्थल, कार्य का नाम, तारीख और प्रगति स्पष्ट रूप से दिखाई दे।जिलाधिकारी ने ग्रामीण निर्माण विभाग द्वारा शिक्षा विभाग के निर्माण कार्यों से संबंधित प्रस्तुत की गई अस्पष्ट तस्वीरों पर कड़ी आपत्ति जताई। कार्यों की प्रगति के बारे में स्पष्ट जवाब न दे पाने पर उन्होंने विभाग को फटकार लगायी और चेतावनी दी कि भविष्य में ऐसी लापरवाही मिलने पर जिम्मेदारों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।माध्यमिक शिक्षा से जुड़े निर्माण कार्यों की समीक्षा में जिलाधिकारी ने ग्रामीण निर्माण विभाग की कार्य गुणवत्ता पर गहरी नाराज़गी व्यक्त की। उन्होंने जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी को— शिक्षा विभाग को विभागीय कार्यों की समीक्षा न करने पर शो–कॉज नोटिस जारी करने, ग्रामीण निर्माण विभाग को कार्यों में गुणवत्ता न पाए जाने पर शो–कॉज नोटिस जारी करने तथा उनके कार्यों की जांच कराने के निर्देश दिए।जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि प्रत्येक निर्माण स्थल पर कार्य प्रारंभ एवं समाप्ति बोर्ड अनिवार्य रूप से लगाया जाए, ताकि नागरिकों को पारदर्शी जानकारी मिले।जिलाधिकारी ने कठोर शब्दों में कहा कि सभी विभाग अपने कार्यों की जिम्मेदारी व्यक्तिगत स्तर पर लें। कार्यदायी संस्थाओं द्वारा किए जा रहे निर्माण कार्यों की पूरी जवाबदेही संबंधित विभाग की होगी, और किसी भी प्रकार की कमी मिलने पर विभागीय अधिकारी सीधे तौर पर जिम्मेदार माने जाएंगे।*बीस सूत्रीय कार्यक्रम—देरी किसी भी स्तर पर अस्वीकार्य*जिलाधिकारी ने ए, बी, सी एवं डी श्रेणी के बीस सूत्रीय कार्यक्रमों की विभागवार समीक्षा की। उन्होंने कहा कि— गरीबी उन्मूलन, कृषि उन्नयन, महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य एवं शिक्षा, पेयजल एवं आवास योजनाएँ सरकार की शीर्ष प्राथमिकता हैं, इसलिए इनमें किसी भी प्रकार की देरी या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिया कि माहवार प्रगति रिपोर्ट अनिवार्य रूप से प्रस्तुत की जाए।बैठक में विभागों ने तकनीकी स्वीकृति में विलंब, निर्माण सामग्री की उपलब्धता, बजट निर्गमन के समय, भौगोलिक चुनौतियों एवं मानव संसाधन की कमी जैसे मुद्दे साझा किए। जिलाधिकारी ने सभी समस्याओं पर विभागवार समाधान सुझाते हुए कहा कि समयसीमा का कठोरता से पालन किया जाए और हर अधिकारी अपनी जिम्मेदारी गंभीरता से निभाए।बैठक में मुख्य विकास अधिकारी डॉ. दीपक सैनी, जिला विकास अधिकारी रमा गोस्वामी, उपनिदेशक एनआईसी गौरव कुमार, मुख्य कृषि अधिकारी अमरेंद्र चौधरी, मुख्य शिक्षा अधिकारी हरक राम कोहली सहित सभी जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।