पिथौरागढ़ । इस सीमांत और पर्यावरण के रूप में बेहद संवेदनशील पहाड़ी जनपद पिथौरागढ़ पर पर्यावरण की सुरक्षा के लिए *जनरल बी सी जोशी साहब* के प्रयासों और दूरदर्शिता से पर्यावरण बटालियन को स्थापित किया गया था, यह बटालियन न केवल पर्यावरण के क्षेत्र में अनमोल कार्य कर रहा है बल्कि सैकड़ो पूर्व सैनिकों के लिए एक रोजगार का एक माध्यम भी है,और उनसे जुड़े हजारों स्थानीय जनमानस को प्रत्यक्ष तथा परोक्ष रूप से लाभान्वित होने का जरिया भी है। लेकिन इन दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र की इस अहम आवश्यकता को दरकिनार करते हुए जलवायु एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा पिथौरागढ़ से 130 पर्यावरण बटालियन को उठाकर राजस्थान/गुजरात भेजा जा रहा है, जो यहां के पूर्व सैनिकों और आम जनमानस के लिए एक क्षति और कुठाराघात है । सरकार के इस फैसले के खिलाफ इस सीमांत जनपद के संरक्षण और पूर्व सैनिकों के हितों को लेकर पूर्व सैनिक संगठन द्वारा आज *शनिवार 13 दिसंबर को* अपना विरोध प्रस्तुत करते हुए पर्यावरण बचाओ सीमांत बचाओ रैली का आयोजन करते हुए ए डी एम महोदय के माध्यम से ज्ञापन प्रस्तुत किया जाएगा, जिस पर बड़ी संख्या पर पूर्व सैनिकों द्वारा प्रतिभाग किया गया। आज प्रातः धरना स्थल पर एकत्र होकर पूर्व सैनिकों द्वारा केंद्र सरकार के इस फैसले का विरोध तथा इस सीमांत क्षेत्र की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए भारत माता की जयकारों के साथ धरना तथा एक बड़ी रैली का आयोजन किया गया जो नगर क्षेत्र में घूमते हुए कलेक्ट्रेट परिसर में पहुंची जहां अध्यक्ष मयूख भट्ट द्वारा ए डी एम महोदय के माध्यम से ज्ञापन प्रस्तुत किया गया। पूर्व सैनिक संगठन द्वारा कहा गया है कि जल्द ही इस पर कोई सार्थक फैसला नहीं लिया जाएगा तो पूर्व सैनिक अग्रिम कार्रवाई के लिए कमर कस चुके हैं तथा सरकार के खिलाफ धरने पर बैठने और विरोध करने के लिए बाध्य होंगे। आज इस प्रदर्शन पर सचिव दयाल सिंह,शंकर सामंत, आनंद सिंह राणा, शंकर भट्ट, लक्ष्मण थापा, कृष्णा नंद, बलवंत सिंह, किशन सिंह,रमेश सिंह,दिवाकर सिंह, ललित सिंह सेना मेडल,श्याम विश्वकर्मा, विक्रम सिंह सेवा मेडल, शेर सिंह, हयात सिंह,धर्म सिंह, दीपा चुफाल सहित सैकड़ो पूर्व सैनिक और मातृशक्ति उपस्थिति रही।