पिथौरागढ़। जनपद में बढ़ती ठंड एवं शीतलहर को दृष्टिगत रखते हुए जिलाधिकारी पिथौरागढ़ आशीष भटगांई एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाक्टर एसएस नबियाल द्वारा जनपदवासियों से सतर्कता बरतने की अपील की गई है। उन्होंने कहा कि नागरिक मौसम विभाग एवं जिला प्रशासन द्वारा समय-समय पर जारी की जा रही एडवाइजरी का पालन करें तथा अनावश्यक रूप से घर से बाहर निकलने से बचें।

जिलाधिकारी ने कहा कि ठंड के मौसम में विशेष रूप से बुजुर्गों, बच्चों, गर्भवती महिलाओं, दिव्यांगजनों एवं असहाय व्यक्तियों का ध्यान रखना सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने आमजन से अपील की कि बेघर मजदूरों एवं रात्रि में कार्य करने वाले व्यक्तियों के लिए गर्म कपड़े, कंबल एवं अलाव की व्यवस्था में सहयोग करें। साथ ही पालतू जानवरों को भी ठंड से सुरक्षित रखने के लिए सूखे आश्रय, बिछावन, पर्याप्त चारा एवं गुनगुना पानी उपलब्ध कराया जाए।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि ठंड से बचाव हेतु नागरिक परतदार गर्म कपड़े पहनें, पोषक आहार जैसे दाल, सूप, खिचड़ी, सब्जियों का सेवन करें तथा विटामिन-सी युक्त फल जैसे आंवला, संतरा एवं नींबू अपने आहार में शामिल करें। अस्थमा, सीओपीडी, हृदय रोग, मधुमेह एवं उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्तियों को नियमित रूप से दवाइयाँ लेने के लिए विशेष रूप से सतर्क रहने की आवश्यकता है। त्वचा को शुष्क होने से बचाने के लिए तेल, क्रीम एवं मॉइस्चराइज़र का नियमित उपयोग करें।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने यह भी कहा कि अत्यधिक ठंड, शरीर सुन्न होना, कंपकंपी, सांस लेने में कठिनाई, सीने में दर्द अथवा भ्रम जैसे लक्षण दिखाई देने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या चिकित्सक से संपर्क करें। किसी भी आपात स्थिति में 108 एंबुलेंस सेवा तथा सामान्य स्वास्थ्य परामर्श के लिए 104 हेल्पलाइन पर संपर्क किया जा सकता है।जिला प्रशासन द्वारा यह भी अपील की गई है कि हीटर, ब्लोअर अथवा अंगीठी जलाते समय कमरे के दरवाजे एवं खिड़कियाँ पूरी तरह बंद न रखें तथा आग जलाने के लिए प्लास्टिक या रबर का प्रयोग न करें। शीतकाल में सुबह की सैर से बचें, घने कोहरे या धुंध की स्थिति में वाहन न चलाएं तथा अत्यधिक ठंड के दौरान अनावश्यक रूप से दरवाजे-खिड़कियाँ न खोलें। प्रतिबंधित क्षेत्रों, जमी हुई झीलों, नदियों एवं फिसलनग्रस्त क्षेत्रों में जाने से बचें। शराब एवं तंबाकू का सेवन न करें, क्योंकि यह शरीर का तापमान कम करता है।