धारचूला(पिथौरागढ़)। सीमान्त दारमा घाटी चीन सीमा को जोड़ने वाली चीन सड़क पूरी तरह खुली नही होने और अप्रैल से होने वाले माइग्रेशन को देखते हुए दिलिंग दारमा समिति के संरक्षक डॉ प्रेम नगन्याल और कार्यवाहक महासचिव दिनेश चलाल के नेतृत्व में दारमा घाटी के समस्त 14 गॉवो के प्रधानों ने शीघ्र सड़क को खोलने को लेकर उपजिलाधिकारी के माध्यम से जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया।
साथ ही समिति की 13 मार्च को हल्द्वानी में सीमान्त की मूलभूत स्वास्थ, संचार,सड़क, व राशन आदि सुविधाओं को लेकर एक बेठक होनी है जिसके बाद समिति के पदाधिकारी कुमाऊँ आयुक्त से मुलाकात कर बरसात के समय होने वाली समस्याओं से अवगत कराया जाएगा। दारमा घाटी के 14 गांव के लोग उच्च हिमालयी गॉवो में 6 माह के लिए माइग्रेशन को जाते है। गॉव के लोग इस 6 माह के दौरान खेती बाड़ी,जड़ी बूटियों का दोहन और होम स्टे चलाकर अपनी जीविका चलाते है और पिछले साल 6 माह के माइग्रेशन के समय बरसात के कारण बीआरओ की तवाघाट से सोबला, और सीपीडब्ल्यूडी की सोबला ढाकर कई जगहों पर बन्द हो गयी थी। जिसके कारण उस समय लोगो को वाहनों द्वारा 4 घण्टे का सफर 50से 60 घण्टे में और 10 से 20 किलोमीटर जान जोखिम में रखकर तहसील कार्यालय पहुँच रहे थे। साथ ही प्रसिद्ध पंचाचूली ग्लेशियर देश व प्रदेश के पर्यटक और कुछ विभागों के अधिकारी जो प्रशिक्षण के लिए गांव गये थे वो सब लोग भी फंस गए थे।सरकार द्वारा इन फंसे लोगों के अलावा स्थानीय बीमार लोगो को हेलीकॉप्टर द्वारा निकाला गया।और सड़क बन्द होने के कारण सही समय मे स्वास्थ्य सुविधाएं नही मिलने के दो लोगो की मौत भी हुई थी।
पिछले साल की तरह लोगो को दिक्कतें ना हो इसी को लेकर लोगो ने प्रशासन को अभी से सड़क खोलने,और अतिरिक्त राशन पहुँचाने के संदर्भ में ज्ञापन दिया।महासचिव दिनेश चलाल ने पिछले साल की दिक्कतें देखकर प्रशासन को कार्यदायी संस्था सीपीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा सोबला से ऊपर अतिरिक्त डीजल अप्रैल तक पहुँचाने की मांग उठाई। बोंगलिंग निवासी कुंवर सिंह ने बताया कि वर्तमान में सोबला से वुर्थीग तक सड़क खुली है। अभी भी वुर्थीग से आगे लगभग 20 किलोमीटर सड़क बन्द है।अब गर्मी भी शुरू हो गयी है। उन्होंने प्रशासन से मांग की सड़क खोलने का कार्य शुरू किया जाय। सीमान्त के लोगो ने ज्ञापन की प्रतिलिपि मुख्य सचिव, आपदा सचिव,सीपीडब्ल्यूडी को भी भेजा है।ज्ञापन देने वाले में ग्राम प्रधान जमन दताल,शांति सीपाल, सुनीता,बिंद्रा देवी,ममता नगन्याल, सरस्वती देवी,भगवती बनग्याल,सरिता देवी,सपना आदि शामिल रहे।