पिथौरागढ़। पुलिस उप महानिरीक्षक कुमाऊं नीलेश आनंद भरणे ने कहा है कि वर्तमान समय पर वाहनों की पार्किंग बङी समस्या हो। इससे निपटने के लिए जरूरी है कि अतिक्रमण स्थल किए गए अतिक्रमण को हटाकर पार्किंग स्थल विकसित किए जाए। डीआईजी ने कहा कि पुलिस कर्मियों की समस्याओं को गंभीरता से लिया जा रहा है। मकसद है कि पुलिस कर्मचारी तनाव मुक्त होकर ड्यूटी करें। इसके लिए सैनिक सम्मेलन आयोजित किए जा रहे हैं।
सीमांत जिला पिथौरागढ़ के भ्रमण पर पहुंचे डीआईजी श्री भरणे ने पुलिस के साथ सैनिक सम्मेलन व आम जनता के साथ जन सम्मेलन कर समस्याओं/ सुझावों की जानकारी ली। साथ ही आवश्यक दिशा निर्देश दिए। डीआईजी डा0 नीलेश आनन्द भरणे ने पुलिस अधीक्षक पिथौरागढ़ लोकेश्वर सिंह के पर्यवेक्षण में पुलिस लाइन /पुलिस कार्यालय पिथौरागढ़ की विभिन्न शाखाओं का निरीक्षण किया। सबसे पहले क्वार्टर गार्द सलामी ली गयी। तत्पश्चात पुलिस लाईन की विभिन्न शाखाओं का निरीक्षण करते हुए नियमित रूप से जवानों की परेड कराए जाने, पुलिस मैस में पहाड़ी व्यंजनों को बनाए जाने, जवानों की बैरक को स्मार्ट बनाए जाने, पुलिस कैंटीन में पुलिस जवानों की मांग के अनुसार सामान मंगाए जाने आदि हेतु निर्देशित किया गया।पुलिस लाईन पिथौरागढ़ गौरी हॉल सभागार में पुलिस अधीक्षक पिथौरागढ़ द्वारा जिला पुलिस द्वारा किये गये सराहनीय कार्यों का प्रोजेक्टर के माध्यम से पुलिस उपमहानिरीक्षक के समक्ष प्रस्तुतीकरण किया गया। इसके पश्चात पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों का सैनिक सम्मेलन लेकर सभी से उनकी निजी, पारिवारिक, विभागीय, थाना स्तर या फील्ड स्तर की समस्याओं के बारे में जानकारी ली। बतायी गयी समस्याओं का समाधान किये जाने हेतु आश्वासन दिया गया। उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारी/ कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया । इसके बाद पुलिस कार्यालय में व्यापार मण्डल पदाधिकारियों, सम्भ्रान्त व्यक्तियों के साथ जन सम्मेलन कर उनकी समस्याओं को सुना। ट्रैफिक समस्या पर विशेष ध्यान देने, पार्किंग स्थलों का अतिक्रमण हटाकर पार्किंग व्यवस्था को दुरस्त कर सुगम यातायात व्यवस्था करने तथा समय-समय पर स्थानीय जनता के साथ चौराहों में थाना दिवस आयोजित कर उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी लेकर त्वरित समाधान करने हेतु सभी थाना प्रभारियों को निर्देशित किया गया । इसके अतिरिक्त साइबर क्राइम, धोखाधड़ी, स्मैक, चरस तस्करी, अवैध शराब आदि अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए प्रभावी कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया। डीआईजी ने वर्तमान में चल रही उत्तराखण्ड पुलिस आरक्षी की शारीरिक दक्षता परीक्षा का भी निरीक्षण किया तथा भर्ती बोर्ड में नियुक्त सभी अधिकारियों को निष्पक्ष व पारदर्शी तरीके भर्ती सम्पन्न कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया ।