पठानकोट। पठानकोट के मीरथल स्थित 15 गार्ड बटालियन में एक जवान ने अपने दो अधिकारियों की गोली मारकर हत्या कर दी। वारदात को अंजाम देकर आरोपी सैनिक फरार हो गया। हत्या के कारण का अभी तक कुछ पता नहीं चला है। मृतकों की पहचान पश्चिम बंगाल के जिला हुबली, नीर बोएपुर निवासी हवलदार गौरी शंकर हट्टी और महाराष्ट्र के जिला लातूर, बड़ेगांव निवासी तेलांगी सूर्याकांत शेशीराव के तौर पर हुई है। आरोपी गार्ड मैन सिपाही लोकेश कुमार ध्रुव छत्तीसगढ़ के जिला बलौदा बजार, गांव गदीदां का रहने वाला है। थाना नंगलभूर की पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
पुलिस को दिए बयान में नायक पन्नी राजू ने बताया कि हवलदार गौरी शंकर, तेलांगी सूर्याकांत और आरोपी लोकेश कुमार उनके साथ एक ही बैरक में रहते हैं। एक समय में 3/3 जवान डयूटी पर रहते हैं। रविवार-सोमवार की रात करीब एक बजे वह डयूटी पर थे। आरोपी लोकेश बैरक के बाहर निगरानी पर था। रात करीब 2 बजे वह हवलदार तेलांगी और गौरी शंकर के साथ अपनी बैरक में पहुंचे और सो गए। अचानक ढाई बजे गोलियों की आवाज आई। उसने देखा कि लोकेश के हाथ में इंसास राइफल थी। वहीं, पास में हवलदार तेलांगी और गौरी शंकर खून से लथपथ तड़प रहे थे। इसी दौरान बाकी जवान भी उठ गए तो आरोपी राइफल छोड़कर भाग खड़ा हुआ। उन्होंने घायलों को मिलिट्री अस्पताल पहुंचाया। जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
एक सैन्य अधिकारी ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि जिस इंसास राइफल से आरोपी ने वारदात को अंजाम दिया वह राइफल हवलदार गौरी शंकर के नाम पर जारी की गई थी। अधिकारी ने बयान में बताया कि जब वह रात को पेट्रोलिंग से वापस आए तो हवलदार गौरी शंकर ने सभी हथियारों को बैरक की अलमारी में रखा और ताला लगाकर चाबी अपने तकिए के नीचे रखकर सो गया। आरोपी लोकेश ने चुपके से हवलदार के तकिए के नीचे से चाबी निकाली और बैरक खोलकर राइफल से फायर कर दिए। पुलिस ने आरोपी सिपाही पर हत्या और आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज किया है।