धारचूला(पिथौरागढ़)। कोविड के कारण दो साल बाद शुरू हो रही 2 जून से आदि कैलाश यात्रा शुरू हुई। व्यास घाटी और दारमा घाटी में सड़क लिंक हो जाने के ओम पर्वत, आदि कैलाश, पार्वती सरोवरऔर दारमा घाटी के प्रसिद्ध पंचाचूली ग्लेशियर आदि धार्मिक स्थलों पर पर्यटकों की आवाजाही काफी बढ़ गयी है। बता दे लगभग एक महीने में व्यास घाटी लगभग 6 हजार और दारमा घाटी में 2 हजार पर्यटकों की पहुँच चुके है।गाड़ियों और पर्यटकों की अधिक आवाजाही से दोनों घाटियों के विभिन्न धार्मिक स्थलों में पर्यटकों के कपड़े,प्लास्टिक और पूजा सामग्रियों का ढेर हो गया। जिसके कारण ग्रामीणों को चिंता बढ़ गयी है। इसी चिंता को लेकर व्यास घाटी के अंतिम ग्राम कुटी के ग्रामीणों ने आदि कैलाश विकास समिति का गठन किया है। आदि कैलाश, पार्वती सरोवर, ज्योलीकांग आदि धार्मिक स्थलों में आ रहे प्रत्येक वाहनों से 300 रुपये ग्रीन टैक्स के रूप में सुविधा शुल्क लेना शुरू कर दिया है।
समिति के अध्यक्ष पुनीत कुटियाल और महासचिव नगेन्द्र कुटियाल ने बताया कि ग्रीन टैक्स के रुपये जो सहयोग राशि ली जा रही है। उस धनराशि से यात्रा के दौरान समय समय मजदूर लगाकर स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा। साथ ही पर्यटकों द्वारा गंदगी करने की पाए जाने पर कठोर कार्यवाही भी जाएगी। साथ ही समिति द्वारा पर्यटकों के वाहनों को पार्वती सरोवर से दो किलोमीटर पहले निगम तक जाने की अनुमति है।और मन्दिर परिसर के आसपास मंदिरा और धूम्रपान निषेध किया गया है। साथ समिति द्वारा सभी पर्यटकों से धार्मिक स्थलों पर गन्दगी नही फैलाने की अपील की है।द माउंटेन राइड और पँचाचूली होम स्टे अध्यक्ष जयेंद्र फिरमाल ने बताया कि दारमा और व्यास घाटी के धार्मिक स्थलों में पर्यटकों द्वारा बढ़ती गंदगी से लोग काफी चिंतित हो गए है। शीघ्र ही दारमा घाटी में सभी होम स्टे स्वामी पर्यावरण संरक्षण को एक बैठक कर रहे है। कुछ दिन पूर्व जयेंद्र फिरमाल भी अपने पर्यटकों की टीम के साथ ओम पर्वत यात्रा में गए थे। उन्होंने नाभीढांग के परिसर में कूडे ढेर देखने पर उन्होंने स्वयं लगभग 15 किलो कूड़े को उठाया कर धारचूला लेकर नष्ट किया। जयेंद्र फिरमाल ने सभी पर्यटकों से सीमांत की धार्मिक स्थलों में गन्दगी नही फैलाने की अपील की है।

