नई दिल्ली। जस्टिस उदय उमेश ललित ने आज भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अलावा कई केंद्रीय मंत्री और सुप्रीम कोर्ट के जज मौजूद रहे। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के पद पर आसीन होने वाले 49वें व्यक्ति जस्टिस ललित का कार्यकाल 8 नवंबर तक होगा।जस्टिस यूयू ललित ऐसे दूसरे चीफ जस्टिस हैं जो सुप्रीम कोर्ट का जज बनने से पहले किसी हाईकोर्ट के जज नहीं थे, बल्कि सीधे वकील से इस पद पर पहुंचे हैं। उनसे पहले 1971 में देश के 13वें मुख्य न्यायाधीश एसएम सीकरी ने यह उपलब्धि हासिल की थी। 9 नवंबर 1957 में जन्म लेने वाले उदय उमेश ललित 13 अगस्त 2014 को सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त हुए थे। उससे पहले वह देश के सबसे बड़े वकीलों में गिने जाते थे। उनके पिता यूआर ललित बॉम्बे हाई कोर्ट में अतिरिक्त जज रह चुके हैं। जस्टिस ललित के दादा रंगनाथ ललित भी महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के नामी वकीलों में से एक थे। सुप्रीम कोर्ट में अपने अब तक के कार्यकाल में जस्टिस ललित कई बड़े फैसलों के हिस्सा रहे हैं। 22 अगस्त 2017 को तलाक-ए-बिद्दत यानी एक साथ 3 तलाक बोलने की व्यवस्था को असंवैधानिक करार देने वाली 5 जजों की बेंच के वह सदस्य थे।