नोएडा। उत्तर प्रदेश के नोएडा के सेक्टर-93ए स्थित सुपरटेक ट्विन टावर को आखिरकार ध्वस्त कर दिया गया। रविवार को ठीक ढाई बजे यह गगनचुंबी इमारतें पल भर में ही जमींदोज हो गईं। इसके बाद इस पूरे क्षेत्र के वातावरण को धूल के गुबार ने ढक लिया। 32 और 30 मंजिला इन इमारतों को ध्वस्त करने के लिए 3700किलोग्राम डेटोनेटर का प्रयोग किया गया।
रविवार को ट्विन टॉवर को ढहाने का काउंट डाउन शुरू होते ही प्रशासन की ओर से विशेष तैयारियां की गई थीं। आसपास के इमारतें खाली करा दी गई थीं। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।
यह बिल्डिंग गैर कानूनी तरीके से बनाई गई थी। सोसायटी के खरीदारों ने ट्विन टॉवर को बनाने में की गई नियमों की अनदेखी को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस ट्विन टॉवर गिराने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लंबी लड़ाई लड़ी गई। सुपरटेक बिल्डर की तरफ से नामी वकील इस केस को लड़े लेकिन वह इन टॉवरों को ध्वस्त होने से नहीं बचा सके। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में नोएडा अथॉरिटी के सीनियर अधिकारियों पर सख्त टिप्पणी की थी। मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यहां तक कह दिया था कि नोएडा अथॉरिटी एक भ्रष्ट निकाय है। आखिरकार 28 अगस्त को यह बिल्डिंग गिरा दी गई। ट्विन टॉवर ध्वस्त होने से हजारों टन मलबा एकत्र होगा जिसको हटाने में कई महीने लग सकते हैं।