पिथौरागढ़ 23 नवंबर। पिथौरागढ़ के सत्र न्यायाधीश ने महिला को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में अभियुक्त को तीन वर्ष के कारावास और 10 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड नहीं देने पर अभियुक्त को दो माह के साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी।
मामले के अनुसार थल क्षेत्र की एक महिला ने अगस्त 2018 में रामगंगा नदी में छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली थी। महिला का शव ठुलीगाड़ में टनकपुर बैराज के समीप से बरामद हुआ था। पुलिस को छानबीन में मृतका के घर से एक सुसाइड नोट मिला था। जिसमें महिला ने थल क्षेत्र के गोल निवासी राजेंद्र कुमार उर्फ राजू राम पर उसे आत्महत्या जैसा कदम उठाने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया था। महिला के अनुसार आरोपी ने उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए और वीडियो, फोटो बनाकर सार्वजनिक किए। सुसाइड नोट में महिला ने आरोपी पर उसका शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न करने के साथ ही बच्चों को मारने की धमकी देने का आरोप भी लगाया था। जिस कारण उसे आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ा। मृतका के परिवारजनों द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर थल थाने में आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।
यह मामला जिला सत्र न्यायालय में चला। साक्षों और गवाहों को सुनने के बाद जिला सत्र न्यायाधीश डॉ.ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा ने अभियुक्त राजेंद्र कुमार उर्फ राजू राम को आईपीसी की धारा-306 के तहत तीन वर्ष के कारावास और दस हजार रुपये के अर्थदंड की सजा से दंडित किया। अर्थदंड की धनराशि पीड़िता के नाबालिग बच्चों को प्रतिकर के रूप में दी जाएगी। अभियोजन पक्ष की ओर से मामले की पैरवी शासकीय अधिवक्ता प्रमोद पंत द्वारा की गई।