पिथौरागढ़: उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा यशपाल सभागार में आयोजित सम्मान समारोह में युवा बाल साहित्यकार ललित शौर्य को उमाकांत मालवीय बाल साहित्य सम्मान से सम्मानित किया गया। उन्हें यह सम्मान आईएएस आर पी सिंह निदेशक उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, संपादक नमिता दुबे, साहित्यकार भगवती प्रसाद द्विवेदी, संजीव जायसवाल की गरिमामयी उपस्थिति में प्रदान किया गया। ललित शौर्य को 51 हजार का चैक, अंगवस्त्रम, स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया।
युवा बाल साहित्यकार ललित शौर्य लंबे समय से बाल साहित्य साधना में लगे हुए हैं। उनका उद्देश्य मोबाइल वाली पीढ़ी के हाथों में बाल साहित्य की पुस्तकें पहुंचाना है। वह मोबाईल नहीं किताब दो अभियान भी चला रहे हैं। शौर्य द्वारा विभिन्न संसाधनों के जरिये अब तक 15 हजार बच्चों तक बाल साहित्य की किताबें पहुंचाई जा चुकी हैं। उनकी बाल कहानियों का अनुवाद गुजराती, मराठी, तेलगु, कन्नड़, अंग्रेजी, मलयालम , उड़िया आदि भाषाओं में हो चुका है। ललित शौर्य दादाजी की चौपाल, कोरोना वॉरियर्स, जल की पुकार, फॉरेस्ट वॉरियर्स, मैजिकल ग्लब्ज, स्वच्छता के सिपाही, स्वच्छता ही सेवा, जादुई दस्ताने बाल कहानी संग्रह लिख चुके हैं। उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को पाकर वह अत्यंत उत्साहित हैं। उन्होंने भविष्य में भी निरन्तर बाल साहित्य में समर्पित होकर कार्य करने की इच्छा जताई है। उनकी इस गौरवपूर्ण उपलब्धि पर जनपद के साहित्यकारों में खुशी की लहर है।