पिथौरागढ़। न्याय की मांग को लेकर 17 नवंबर से अनशन कर रहे मनोज कुमार ने शनिवार को जहरीला पदार्थ गटक लिया। जिला अस्पताल में उपचार के बाद युवक की हालत में कुछ सुधार बताया जा रहा है।
बंगापानी निवासी मनोज कुमार को वर्ष 2010 में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ.रमेश पोखरियाल निशंक को धमकी देने के झूठे आरोप में जेल भेज दिया गया था। बाद में न्यायालय से उसे रिहा कर दिया गया। अब मनोज झूठे मामले में फंसाकर उसका भविष्य बरबाद करने पर न्याय की मांग के लिए पिछले चार सालों से आंदोलन कर रहा है। मनोज का कहना है कि उसे नौकरी और मुआवजा दिया जाय और दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाय। कई बार अनशन, धरना प्रदर्शन कर चुके मनोज ने 17 नवंबर को पांखू के कोटगाड़ी मंदिर में बिच्छू घास पर बैठकर अनशन शुरू किया था। जहां से उसे हालत बिगड़ने पर दो दिन पूर्व प्रशासन ने अस्पताल में भर्ती करा दिया था। शनिवार की सुबह उसे डिस्चार्ज किया गया था। इसके कुछ देर बाद उसने जहरीला पदार्थ खा लिया। आनन फानन में उसे दिन में लगभग एक बजे बेहोशी की हालत में जिला अस्पताल लाया गया जहां पर चिकित्सकों ने उसका उपचार किया। युवक की हालत में कुछ सुधार बताया जा रहा है। चिकित्सक युवक के स्वास्थ्य की जांच कर रहे हैं। तहसीलदार पंकज चंदोला ने बताया कि मनोज कुमार की हालत अब खतरे से बाहर है।

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