हल्द्वानी। हल्द्वानी के बनभूलपुरा के बड़े हिस्से से हाईकोर्ट के निर्देश पर अतिक्रमण हटाने के फैसले के बाद पुलिस और प्रशासन सक्रिय हो गया है। आज बनभूलपुरा में उजाड़ने से पहले बसाने की मांग को लेकर विधायक व स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ ही हजारों की संख्या में बच्चे महिला, पुरुष व प्रभावित परिवारों ने सत्याग्रह शुरू कर दिया है। हजारों लोग आज धरने पर बैठे। इस बीच अपर जिलाधिकारी अशोक जोशी के नेतृत्व में पुलिस व प्रशासनिक अफसर बनभूलपुरा में जमे रहे।
रेलवे प्रकरण को लेकर एडीएम अशोक जोशी ने कहा कि उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार रेलवे की ज़मीन पर अतिक्रमित बस्ती खाली कराने के लिए मुनादी और पब्लिकेशन के माध्यम से नोटिस दिया जाएगा। रेलवे चिनहींकरण के इस काम को एक दो दिनों में पूरा किया जाएगा। जिसके बाद भूमि को खाली कराने की कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। बताया कि रेलवे और राजस्व के नक्शों का मिलान कर कहीं 400, 600 तो कहीं 800 फिट की दूरी नापी गई है।
एडीएम अशोक जोशी ने बताया कि मुनादी और पब्लिकेशन की सटीकता के लिए आज की कार्यवाही हुई है। अतिक्रमण किये गए 4365 मकानों के ध्वस्तीकरण में प्रथम चरण पर चिन्हीकरण की कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने ये भी बताया कि न्यायालय के आदेशों के क्रम में कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद हल्द्वानी के बहुचर्चित रेलवे मामले ने अब ज़ोर पकड़ लिया है। जिला प्रशासन और रेलवे प्रशासन आज से अतिक्रमण हटाने के लिए कार्रवाई शुरू करने जा रहा है तो दूसरी तरफ पीड़ित लोगों ने बनभूलपुरा क्षेत्र में सत्याग्रह शुरू कर दिया है हज़ारों की तादाद में लोग धरना प्रदर्शन कर अतिक्रमण नहीं हटाए जाने की मांग कर रहे है | ऐसे में प्रशासन ने भी अपनी पूरी तैयारियों के साथ मौके पर मौजूद हैं।
वही रेलवे अतिक्रमण पीड़ितों के साथ विधायक सुमित हृदयेश, सपा प्रभारी अब्दुल मतीन सिद्दीकी, सपा महासचिव शोएब अहमद व अन्य नेता शामिल रहे। लोगो का कहना था कि अगर उनके घर उजाड़ दिए जाते हैं तो वह कहा जाएंगे, उनका कहना है पिछले कई दशकों से हजारों की संख्या में परिवार बसा हुआ है लेकिन आज उन को उजाड़ने का काम किया जा रहा है स्कूल में पढ़ रहे हमारे बच्चों का भविष्य भी खतरे में आ जाएगा। लोगो का कहना है कि उजड़ने वाले लोगो में बच्चें, महिलाएं और बुजुर्ग भी काफी बड़ी संख्या में है, ऐसे हालात में वह लोग कहा अपने सिर को छुपाएंगे।
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सीएम को ज्ञापन भेजकर की राहत की अपील
हल्द्वानी। हल्द्वानी में रेलवे भूमि अतिक्रमण के प्रकरण में प्रभावित लोगों एवं प्रतिनिधियों ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर राहत देने की अपील की है। स्थानीय लोगों मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में कहा गया है कि उच्च न्यायालय के निर्णय के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की है, लेकिन शीतकालीन अबकाश के कारण 2 जनवरी तक न्यायालय में सुनवाई नहीं हो सकती। ऐसी स्थिति में तथा भयंकर सर्दी के मौसम को मद्देनजर रखकर प्रभावितों के विरुद्ध की जानी वाली अग्रिम कार्यवाही को रोके जाने, अनुरोध है। साथ ही प्रभावित जनता तथा उनके प्रतिनिधिगण सरकार से आशा करते है कि सरकार, उह प्रकरण में दिये गये वर्ष 2016 के अपने शपथपत्र के परिवेश में, प्रकरण में, उच्च न्यायालय, पुनः याचिका प्रस्तुत करे अथवा सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर पैरवी करे। मलिन बस्ती योजना के अन्तर्गत सूची में शामिल प्रभावित बस्तियां सूची से निष्कासित की गयी है, इनको पुनः सूची में शामिल, प्रभावी कार्यवाही करें।
स्पा के प्रदेश संयोजक अब्दुल मतीन सिद्दीकी ने बताया कि इस संबंध में मुख्यमंत्री के साथ ही सभी लोगों से सहयोग की अपील की गई है।