पिथौरागढ़। भारत-पाक युद्ध में सक्रिय भूमिका निभाने वाले सूबेदार मेजर मोहन चंद्र तिवारी का निधन हो गया है। 84 वर्षीय तिवारी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। सैन्य पृष्ठभूमि वाले परिवार में जन्मे मोहन चंद्र तिवारी का जन्म तीन मार्च 1940 को पिथौरागढ़ के गुरना में हुआ था।18 साल की उम्र में वे भारतीय सेना में शामिल हुए थे। पांच साल तक बीआरओ में सेवा देने के उपरांत उनकी कार्य कुशलता और दक्षता को देखते हुए उन्हें इलेक्ट्रॉनिक मैकेनिक इंजीनियर( ईएमई) में स्थानांतरित कर दिया गया। अपने सेवा काल के दौरान अरुणांचल प्रदेश, सिक्किम, आसाम और जम्मू कश्मीर में भी सेवाएं दीं। वर्ष 1971 में भारत- पाकिस्तान युद्ध के दौरान सक्रिय भूमिका निभाई। भारतीय सेना में बेहतरीन 30 वर्ष गौरवपूर्ण सेवा करने के बाद 31 दिसंबर सन 1991को सेवानिवृत हुए। सेवानिवृत होने के बाद भी समाज के प्रति कई अनेक कार्य करते रहे। उनकी प्रेरणा और देश सेवा के भाव के कारण ही उनके पुत्र उमेश तिवारी भी सेना में भर्ती हुए और सूबेदार मेजर के पद से सेवानिवृत हुए। उनके सुपोत्र का चयन भी कुछ दिन पूर्व ही सीआरपीएफ में सब इंस्पेक्टर के पद पर हुआ है।पूर्व सैनिक संगठन पिथौरागढ़ ने संगठन के उपाध्यक्ष मयूख भट्ट के नेतृत्व में उनके निवास स्थान पहुंचकर श्रद्धांजलि और पुष्प चक्र अर्पित किया। इस अवसर पर संगठन के रमेश चंद, केदार सिंह, लक्ष्मण सिंह देउपा, शेर सिंह शाही, नवीन गिरी, दयाल सिंह मेहता व रमेश सिंह महर शामिल रहे।