देहरादून। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने वन अनुसंधान संस्थान देहरादून में उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के समापन समारोह के अवसर पर देवभूमि उत्तराखण्ड को नमन करते हुए कहा कि यह केवल डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड का ही समारोह नहीं है, बल्कि कई नई चीजों की शुरूआत भी है।

उन्होंने कहा कि 02 लाख करोड़ के करारों के लक्ष्य के सापेक्ष ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में राज्य में साढ़े तीन लाख करोड़ से अधिक के करार हुए हैं, इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड के शासन और प्रशासन को बधाई दी। यह नये उत्तराखण्ड की अनन्त संभावनाओं को तलाशने की शुरूआत है। उत्तराखण्ड को ईको फ्रेंडली तरीके से किस प्रकार से उद्योग जगत के साथ भी जोड़ा जा सकता है, इसका एक मजबूत उदाहरण समग्र विश्व के सामने बनेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने विश्वास के साथ कहा कि यह दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा।यह ऐसा स्थान है, जहां विकास और दैवीय शक्ति साथ में है।

मुख्यमंत्री धामी ने इसके साथ परफोर्मेंस को भी जोड़ा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने 41 श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने के लिए प्रधानमंत्री एवं केन्द्रीय एजेंसियों को पूरा श्रेय दिया। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन एवं निगरानी के साथ ही मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में श्रमिकों को सुरक्षित निकालने का सराहनीय कार्य किया गया। उनके चेहरे पर जो अद्भुत शांति और आत्मविश्वास था, यह नेतृत्व के लिए बहुत बड़ी बात है। उन्होंने इस अभियान की सफलता के लिए मुख्यमंत्री और उत्तराखण्ड सरकार को बधाई दी।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य अटल जी ने बनाया और मोदी जी ने इसे संवारा है। उनके नेतृत्व में राज्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। उत्तराखण्ड को अलग राज्य बनाने का उद्देश्य यही था कि राज्य का तेजी से विकास हो। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य ने उल्लेखनीय प्रगति की है। अनेक महत्वपूर्ण इनीशिएटिव लिये गये हैं। यहां की चारधाम यात्रा व्यवस्था, इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास, सीमावर्ती क्षेत्रों के लिए बनाई गई योजना सराहनीय है। लगभग तीस इन्वेस्टर फ्रेंडली नई नीतियों से उत्तराखण्ड पॉलिसी ड्रीवन स्टेट बन गया है। मोदी जी के नेतृत्व में पारदर्शिता के साथ शासन को बढ़ावा दिया गया है। भ्रष्टाचारियों को बिल्कुल भी बख्शा नहीं जायेगा।

उत्तराखण्ड सरकार ने पारदर्शी माहौल दिया है। पूरे देश में उत्तराखण्ड सबसे ज्यादा शांत और सुरक्षित राज्यों में है। पारदर्शिता उत्तराखण्ड का स्वभाव बन गया है। पूरे देश की जिम्मेदारी है कि उत्तराखण्ड मजबूत और सबसे विकसित राज्य बने।मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सम्मेलन की सफलता में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा रही है।

निवेशक सम्मेलन को सफल बनाने में निवेशकों, केन्द्र सरकार के विभिन्न विभागों ने भी अपनी सहभागिता सुनिश्चित कर इस सम्मेलन को सफल बनाने में पूर्ण सहयोग एवं योगदान दिया। उत्तराखण्ड में निवेश करने वाले सभी निवेशकों द्वारा उत्तराखंड और उत्तराखंड के लोगों पर विश्वास जताने के लिए भी उन्होंने आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सरकार इस विश्वास को कभी टूटने नहीं देगी, इसके लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में निवेश करने वाले सभी उद्योगबंधु हमारे ब्रांड एंबेसडर हैं और हम ये सुनिश्चित करेंगे की ’’डेस्टिनेशन उत्तराखंड’’ ब्रांड निवेश हेतु एक श्रेष्ठ ब्रांड साबित हो। मुख्य सचिव डॉ. एस.एस संधु ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हाउस आफ हिमालयाज का शुभारंभ कर अंत्योदय के विकास की नई उम्मीद को आगे बढ़ाया है। साथ ही स्वयं सहायता समूह द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पादों को एक वैश्विक स्तर का मंच मिला है।

उन्होंने कहा प्रधानमंत्री ने वेडिंग इन उत्तराखंड की बात कही थी उनके इस कथन से प्रदेशवासियों में उत्साह का माहौल है। उन्होंने कहा कि पिछले 06 माह में प्रदेश में 30 नई नीतियों बनाई गई हैं। निवेशकों का उत्साह उत्तराखंड के प्रति निरंतर बढ़ रहा है। राज्य सरकार द्वारा 6000 एकड़ सरकारी जमीन का लैंड बैंक तैयार किया गया है। उद्योगों को सस्ती दरों में बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। एनसीआर से भी कनेक्टिविटी को और अधिक सुगम बनाया जा रहा है। उत्तराखंड राज्य में लॉ एंड आर्डर की स्थिति अच्छी है। राज्य का वातावरण प्रदूषण रहित है।

इस अवसर पर सीईओ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज श्री आशीष कुमार चौहान एम.डी. मदर डेयरी मनीश बंदलिश, एमडी रसना पिरूज खंबाटा, एमडी जुबिलेंट जेनेरिक्स लि. डॉ. जयदेव राजपाल ने भी विचार व्यक्त किये।इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि), केन्द्रीय भारी उद्योग मंत्री महेन्द्र नाथ पाण्डेय, मंत्रीगण, सांसदगण, विधायकगण और औद्योगिक समूहों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।