पिथौरागढ़। उत्तराखंड में भू कानून लागू करने और मूल निवास लागू करने के मुद्दे को लेकर आज कांग्रेस ने अपर जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आह्वान पर हुए कार्यक्रम में कांग्रेस ने ज्ञापन देते हुए पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश पंत और यूथ राष्ट्रीय सचिव रिषेन्द्र ने कहा कि उत्तराखंड में कांग्रेस की तिवारी सरकार ने 2003 में भूकानून लागू करते हुए राज्य के बाहरी व्यक्तियों को 500 वर्ग मीटर जमीन खरीद की छूट दी। बाद में खंडूरी सरकार ने इसे 250 वर्ग मीटर किया, लेकिन त्रिवेंद्र रावत सरकार आने के बाद राज्य में जमीन खरीदने संबंधी यह सीमा खत्म हो गयी। यह कहा गया कि अगर कोई व्यक्ति जमीन खरीदने के बाद उसे जमीन को खरीदने के लिए दिखाए प्रयोजन को पूर्ण नहीं करता है तो वह जमीन राज्य सरकार में निहित हो जाएगी। धामी सरकार ने इससे और आगे बढ़ते हुए इस पूरे मामले को सिंगल विंडो सिस्टम बनाया।

आज राज्य में चार धाम और अन्य पहाड़ी जिलों में बाहरी व्यक्तियों द्वारा जबरदस्त तरीके से भूमि क्रय की गई है। जिससे पहाड़ की संस्कृति अस्मिता और राज्य की पहचान पर खतरा पैदा हो गया है। कांग्रेस ने कहा की सरकार को चाहिए व्यापक राज्य हित को देखते हुए वह शीघ्र ही उत्तराखंड में भू कानून लाए। जिससे बाहरी व्यक्ति यहां के लोगों की जमीन को खरीद नहीं सके। जिससे कि उत्तराखंड का संस्कृतिक ताना- बाना और अस्मिता बन रहे। राज्य सरकार जल्द ही मूल निवास के मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करे। ऐसा न होने पर कांग्रेस पूरे प्रदेश में भाजपा के खिलाफ आंदोलन का बिगुल फूकेगी।

ज्ञापन देने वालों में पूर्व जिला अध्यक्ष मुकेश पंत, यूथ कांग्रेस राष्ट्रीय सचिव ऋषाेंद्र मेहर दीपक लुंठी,अभिषेक बोरा, त्रिलोक बिष्ट, शिवम पंत, संजय कोहली उपस्थित थे।