पिथौरागढ़। ज्ञान प्रकाश संस्कृत पुस्तकालय में वर्ष 2023 के अंतिम दिवस काव्य पाठ का आयोजन किया गया। जिसमें जनपद के प्रबुद्ध, साहित्यकारों, लेखकों ने प्रतिभाग कर अपनी रचनाएं प्रस्तुत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षाविद डाक्टर पीताम्बर अवस्थी ने की।

डां. अवस्थी द्वारा साल भर का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया गया। साथ ही भारत नेपाल अंतर्राष्ट्रीय काव्योत्सव 2023 की समीक्षा की गई। उन्होंने कहा कि आगामी 2024 में पुनः एक भव्य अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम में ज्ञान प्रकाश संस्कृत पुस्तकालय के कर्मचारी जया लोहनी एवं हेमा को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में काव्य पाठ की शुरुवात करते हुए कार्तिकेय शर्मा ने कहा , “तुम्हें अब क्या बोलूं मैं। उन राजों को क्या खोलूं मैं।” लक्ष्मी आर्या ने कविता पाठ करते हुए कहा, ” शब्द मौन नहीं होते, शब्द कौन होते हैं।” कवियत्री अनु जोशी ने कहा, “राम की सी प्रेरणा, लक्ष्मण का सा भ्रात प्रेम।” कवि प्रकाश चन्द्र जोशी शूल ने कहा, “नव शदी के नव वर्ष को, नवी खुशी हर्ष को, ए नववर्ष तेरा है, स्वागत-सत्कार”, डॉक्टर आनंदी जोशी ने कहा, “विश्व में समृद्धि का उत्कर्ष देखो आ रहा, नववर्ष देखो आ रहा।”

मथुरादत्त चौसाली ने कहा , “हमारी संस्कृति का परिवेश बदलता जा रहा है” डां प्रमोद कुमार श्रोत्रिय ने कहा , ” भ्रम में सभी दिशाएं, घनघोर है अंधेरे, है सामने उदासी, नाकामियों ने घेरा।” आशा सौन ने कहा, “हरगिज नहीं है जायज के कोई किसी का खूं जलाये” कवि नीरज चंद्र जोशी ने कहा , ” नए वर्ष में नई पहल हो, कठिन जिंदगी और सरल हो।

इस अवसर पर शिक्षाविद , मंच की अध्यक्ष मंजुला अवस्थी ने सभी कवियों को नववर्ष की शुभकामनाएं दी। नववर्ष पर नई रचनाओं के लिए रचनाकारों को प्रेरित किया।गोष्ठी का संचालन युवा बाल साहित्यकार ललित शौर्य ने किया।