पिथौरागढ़। एल एस एम कैंपस पिथौरागढ़ में फिज़िक्स डिपार्ट्मन्ट द्वारा उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (यूसर्क), देहरादून द्वारा प्रायोजित पांच दिवसीय सर्टिफिकेट कोर्स इन एडवांस्ड क्वांटम मकैनिक्स कोर्स का आयोजन किया गया। इस कार्यकम में मुख्य आतिथि के रूप में प्रोफेसर प्रवीण सिंह बिष्ट, डायरेक्टर एस एस जे यूनिवर्सिटी अल्मोड़ा रहे।मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर दया शंकर कुलश्रेष्ठ डिपार्ट्मन्ट ऑफ फिज़िक्स एण्ड ऐस्ट्रोफिज़िक्स यूनिवर्सिटी ऑफ़ दिल्ली , प्रोफ उषा कुलश्रेष्ठ, कीरोरी मल कॉलेज यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली रहे| यह कार्यकम की संयोजक डॉ. गरिमा पुनेठा ने कार्यकम में पढ़ाए जाने वाली रूप रेखा की जानकारी दी। बताया कि क्वांटम भौतिकी सबसे मौलिक स्तर पर पदार्थ और ऊर्जा का अध्ययन है जो कि सबसे छोटे कणों, जैसे- परमाणु, इलेक्ट्रॉन, फोटॉन और क्वार्क के व्यवहार एवं गुणों से संबंधित है। इसका उद्देश्य प्रकृति के निर्माण खंडों के गुणों और व्यवहारों को उजागर करना है। क्वांटम यांत्रिकी के कई गणितीय समकक्ष सूत्र हैं। सबसे पुराने और सबसे आम में से एक पॉल डिराक द्वारा प्रस्तावित “परिवर्तन सिद्धांत ” है , जो क्वांटम यांत्रिकी के दो शुरुआती फॉर्मूलेशन – मैट्रिक्स यांत्रिकी और तरंग यांत्रिकी को एकीकृत और सामान्यीकृत करता है। क्वांटम यांत्रिकी का एक वैकल्पिक सूत्रीकरण फेनमैन का पथ अभिन्न सूत्रीकरण है, जिसमें क्वांटम-मैकेनिकल आयाम को प्रारंभिक और अंतिम अवस्थाओं के बीच सभी संभावित शास्त्रीय और गैर-शास्त्रीय पथों के योग के रूप में माना जाता है। यह शास्त्रीय यांत्रिकी में क्रिया सिद्धांत का क्वांटम-मैकेनिकल समकक्ष है । क्वांटम यांत्रिकी अक्सर एकमात्र सिद्धांत है जो पदार्थ के सभी रूपों को बनाने वाले उप-परमाणु कणों के व्यक्तिगत व्यवहार को प्रकट कर सकता है। इस पांच दिन के पाठ्यक्रम में डिराक के क्वांटम यांत्रिकी के अमूर्त सूत्रीकरण का परिचय और मौलिक की समीक्षा शामिल होगी तथा राज्य की अवधारणा एवं राज्यों के अध्यारोपण का सिद्धांत, फोटॉन ध्रुवीकरण प्रयोग का हस्तक्षेप, फोटॉन स्टर्न-गेरलाच प्रयोग, राज्य सदिशों के गुण: केट और ब्रा सदिश, ब्रा-केट बीजगणित, रैखिक संचालक, बेस केट्स और मैट्रिक्स प्रतिनिधित्व क्यूएम में अवलोकन और उनके माप, अनिश्चितता संबंध कि चर्चा विस्तार से कि जाएगी। स्थिति और गति का निरंतर स्पेक्ट्रा, क्वांटम गतिशीलता समरूपता और अपरिवर्तन सिद्धांत, अंतरिक्ष अनुवाद समरूपता, रैखिक गति का संरक्षण, समय अनुवाद और ऊर्जा का संरक्षण घूर्णी अपरिवर्तन और कोणीय गति का संरक्षण। समय विकास और श्रोएडिंगर समीकरण, समय विकास ऑपरेटर। श्रोएडिंगर, हाइजेनबर्ग और डिराक अभ्यावेदन । कण अवस्थाओं का निर्माण तेथ श्रोडिंगर तरंग समीकरण और तरंग फ़ंक्शन। सापेक्षतावादी क्यूएम, क्लेन-गॉर्डन समीकरण, मैक्सवेल के समीकरण और डिराक समीकरण पर विचार। असतत से सतत प्रणाली (यांत्रिकी से क्षेत्र) में संक्रमण। लैग्रेंजियन और हैमिल्टनियन फॉर्मूलेशन। डिराक परिमाणीकरण नियम, लैग्रेन्जियन से निम्नलिखित फ़ील्ड समीकरणों, डिराक वितरण, अदिश, सदिश और स्पिनर क्षेत्रों के परिमाणीकरण पर चर्चा। अंकन, डिराक डेल्टा वितरण, पॉइसन कोष्ठक, बोस और फर्मी चर के लिए संख्या प्रतिनिधित्व, कम्यूटेशन संबंध और क्यूएम और क्यूएफटी और परिमाणीकरण में फर्मियोनिक चर के लिए एंटी-कम्यूटेशन संबंध (स्केलर के परिमाणीकरण के बारे में विचार, वेक्टर (विद्युत चुम्बकीय) और स्पिनर (डायराक) क्षेत्र)।इस कोर्स के लिए 100 से अधिक आवेदन किए गए तथा विभिन्न जिलों के कॉलेज एवं यूनिवर्सिटी के छात्रों ने प्रतिभाग किया जिसमें बेरीनाग, अल्मोड़ा, हल्द्वानी एवं पंतनगर यूनिवर्सिटी रही। इस कोर्स के सफल आयोजन के लिए डायरेक्टर कैंपस डॉ.हेम चंद्र पाण्डेय, डॉ. पुष्कर सिंह बिष्ट प्रिंसिपल, डीएसडब्लू डॉ. डी के उपाध्याय, प्रोफेसर सरोज वर्मा, प्रोफ़ेसर प्रेमलता पंत, डॉ तिलक जोशी, डॉ एम एम गुरुरानी, डॉ दीपक कुमार, डॉ किरन पंत, डॉ नंदन कार्की, डॉ मनीशा बिष्ट, डॉ. अंकिता जोशी आदि उपस्थित रहे।