पिथौरागढ़। पृथ्वी दिवस के अवसर पर पर्वतीय महिला कल्याण समिति ने ‘प्लास्टिक मुक्त भारत’ अभियान के तहत विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया। जिला मुख्यालय के विभिन्न सार्वजनिक स्थलों पर संस्था द्वारा नुक्कड़ नाटकों का आयोजन किया गया और विभिन्न विद्यालयों में पपेट शो आयोजित किए गए। इन कार्यक्रमों के माध्यम से आम नागरिकों और छात्रों को प्लास्टिक से होने वाले नुकसान और बचाव के तरीकों से अवगत कराया गया। अभियान के अंतर्गत संस्था द्वारा बड़ी मात्रा में प्लास्टिक मुक्ति के संदेश युक्त सूती थैलों एवं साहित्य का वितरण भी किया। अभियान के संयोजक विप्लव भट्ट ने बताया कि जिला मुख्यालय के टकाना तिराहा, गांधी चौक और सिमलगैर बाजार में प्लास्टिक पर केंद्रित नुक्कड़ नाटकों का आयोजन किया, जिनमें बड़ी संख्या में दर्शक उपस्थित रहे। नाटक दल ने अभिनय के माध्यम से स्पष्ट किया कि किस प्रकार प्लास्टिक पृथ्वी के लिए खतरा बन चुका है। नाटकों में बताया गया कि कचरे का सबसे बड़ा कारण प्लास्टिक और पॉलीथीन की थैलियां ही, जो हजारों साल तक गलती नहीं हैं और सर्वाधिक कचरा भी उत्पन्न करती हैं। नाटकों में अभिव्यक्त किया गया कि प्लास्टिक के कारण एक ओर शहरों की जल निकासी व्यवस्था चरमराती जा रही है तो दूसरी तरफ मवेशी, वन्य जंतु और जलचर प्लास्टिक का सेवन करने के कारण मौत का शिकार बन रहे हैं। संदेश दिया गया कि सभी नागरिक बाजार से वस्तुओं को खरीदने के लिए प्लास्टिक के थैलों के बजाय कॉटन के थैलों को घर से साथ ले जाएं, बोतलबंद पानी पीने के बजाय घर से वाटर बोटल लेकर जाए, मोहल्लों में समितियां गठित कर प्लास्टिक के कचरे को एकत्रित करें और निकटस्थ रिसाइकिलिंग प्लांट अथवा नगरपालिका परिषद को सुपुर्द करें। इसी प्रकार छात्रों के मध्य पपेट शो के माध्यम से चेतना प्रसार का कार्य किया गया। अभियान के पहले दिन बालिका इंटर कालेज पिथौरागढ़ में आयोजित पपेट शो में बड़ी संख्या में छात्राओं और स्टाफ ने प्रतिभाग किया। इस शो के माध्यस से बताया गया कि प्लास्टिक न केवल धरती के स्वास्थ को खराब कर रहा है बल्कि मानव स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। हाल के शोधों से पता चला है कि प्लास्टिक के माइक्रो पार्टिकिल्स मानव शरीर में प्रवेश कर गए हैं, जो तमाम रोगों के साथ कैसर जैसे रोग को दावत दे रहे हैं। जिससे बचने के उपाय पपेट शो में सुझाए गए। अभियान के अंतर्गत संस्था द्वारा तैयार कॉटन थैलों का निःशुल्क वितरण किया गया। इन थैलों में प्लास्टिक के खतरों का उल्लेख किया गया है और बचाव के तरीके मुद्रित किए गए हैं। इसी प्रकार जानकारीपूर्ण साहित्य का वितरण भी किया गया। संस्था की ओर से प्रकाश पांडेय ने बताया कि अभियान का संचालन पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सहयोग से किया गया। मंत्रालय प्रत्येक वर्ष पृथ्वी दिवस के अवसर पर इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन करता है। इस वर्ष पिथौरागढ़ जनपद में अभियान के संचालन हेतु मंत्रालय द्वारा पर्वतीय महिला कल्याण समिति का चयन किया गया। अभियान निरंतर जारी रहेगा। अभियान संचालन दल में प्रकाश पांडेय, विप्लव भट्ट, देवेन्द्र सामंत, भावना पांडेय, मोनिका शर्मा, मनोज आर्या, मुकेश कुमार नानू बिष्ट, बबीता आदि ने प्रतिभाग किया।