धारचूला। तीन सदस्यीय पर्वतारोहण टीम द्वारा पिथौरागढ़ जिले की व्यास घाटी के पवित्र आदि कैलाश पर्वत के चोटी पर पहले प्रयास में ही सफ़लता पाई है। टीम लीडर योगेश गर्ब्याल द्वारा बताया गया कि आदि कैलाश रेंज में अल्पाइन स्टाइल क्लाइंबिंग के अभ्यास के दौरान टीम ने आदि कैलाश पर्वत की सेफ क्लाइंबिंग रूट्स को ढूंढने में सफलता पाई है ।

आदि कैलाश पर्वत की उंचाई समुद्र तल से 5925m पर स्थित है जिसको छोटा कैलाश के नाम से भी जाना जाता है । गौरी कुंड और पार्वती ताल हिमनद झीलें आदि पर्वत के आधार पर हैं। 06 सदस्यीय टीम 07 मई को धारचूला से रवाना हुई और 10 मई को 4600 मीटर में बेस कैम्प स्थापित किया और 13 मई को 5100 मीटर स्थित एडवांस बेस कैंप स्थापित किया गया। तीन सदस्यीय पर्वतारोही दल ने अल्पाइन स्टाइल में 17 मई की सुबह 03:00 बजे एडवांस बेस कैंप से निकलकर सुबह 10:40 बजे आदि कैलाश के शिखर तक जा पहुंचे। स्थानीय पर्वतारोहियों ने शिखर की पवित्र स्थिति का सम्मान करते हुए अंतिम 60 मीटर नहीं चढ़ने का फैसला किया। तीन सदस्यीय दल में योगेश गर्ब्याल के अलावा कला बडा़ल और मीनाक्षी रावत भी शामिल थी। उन्होंने बताया कि चोटी से पार्वती ताल का सुंदर दृश्य और इस रेंज के चिपेदंग, राजेज्यू , ब्रह्मा पर्वत, ईशान पर्वत के अलावा नंपा, अपी और कैलाश पर्वत के भी दर्शन होते है। बता दें कि CBTS द्वारा विगत कुछ सालों से आदि कैलाश क्षेत्र में एडवेंचर स्पोर्ट्स को प्रमोट किया जा रहा है। साथ ही साथ नए टूरिज्म डेस्टिनेशन को खोजने के काम के साथ साथ स्थानीय युवाओं को ट्रेनिंग देने का भी काम करते है । इसके साथ ही हिमालय क्षेत्र में हाई एल्टीट्यूड एक्सपीडिशन भी ऑर्गेनाइज करते हैं।टीम की सदस्य कला बड़ाल बताया कि 2021 में सीबीटीएस वूमेन टीम द्वारा आदि कैलाश क्षेत्र में सेला पास स्थित चिपेदं चोटी पर तिंरगा फहराया था जिसकी ऊंचाई 6120 मीटर है। पहली बार किसी भारतीय द्वारा इस चोटी पर सफल आरोहण किया गया। इससे पूर्व भी सीबीडीएस टीम द्वारा कैलाश रेंज मे स्थित दारमा घाटी से व्यास घाटी को जोड़ने वाली और पूर्व ट्रेड रूट्स स्यैनो ला पास (5495m) और सेला पास (5100m) का भी सुरक्षित रास्ते की खोज की थी। साल 2021 में CBTS के सदस्यों द्वारा धारचूला स्थित कुलागाड़ में RCC पुल बहने के बाद रेस्क्यू अभियान चलाया था जहां चार दिन 2000 से ज्यादा लोगो को सकुशल पार कराया।

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आदि कैलाश का पर्वतारोहण इतिहास: 8 अक्टूबर 2004 को, आदि कैलाश की पहली सफल चढ़ाई टिम वुडवर्ड, जैक पीयर्स, एंडी पर्किन्स ( यूके ) से बनी ब्रिटिश-स्कॉटिश-अमेरिकी टीम द्वारा की गई थी; जेसन ह्यूबर्ट, मार्टिन वेल्च, डायर्मिड हर्न्स, अमांडा जॉर्ज ( स्कॉटलैंड ); और पॉल ज़ुचोव्स्की ( यूएसए ), जो शिखर की पवित्र प्रकृति के सम्मान में अंतिम कुछ मीटर तक नहीं चढ़े। मार्टिन मोरन की टीम द्वारा 2002 मे पहला प्रयास किया गया जिसे बहुत ढीली बर्फ और चट्टान की स्थिति के कारण शिखर से 200 मीटर (660 फीट) पहले छोड़ दिया गया था।