पिथौरागढ़। भारत तिब्बत सीमा पुलिस के 14 बटालियन के जवानों ने मधुमक्खी पालन पर प्रशिक्षण लिया l प्रशिक्षण में गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर, के कृषि विज्ञान केंद्र, गैना, पिथौरागढ़ के मौनपालन के विशेषज्ञ डा. महेन्द्र सिंह ने जवानों को बताया की मधुमक्खी पालन एक बहुत ही लाभकारी व्यवसाय है l उन्होंने मधुमक्खियों की प्रजातियों के बारे में, मौनपालन में उपयोग होने वाले विभिन्न उपकरणों के बारे में जैसे मुहँ रक्षक जाली, हाइव टूल, बकछूट थैला, शहद निष्कासन यंत्र आदि के बारे में, मधुमक्खियों के जीवन चक्र, मौनपालन से होने वाले फायदे, बकछूट को पकड़ने की विधि , बक्सों का विभाजन तथा इसके अलावा उन्होंने मौनपालन से प्राप्त होने वाले उत्पादों जैसे शहद, परागकण, रॉयल जेली, मोम, मौनविष के फायदों के बारे में बताया एवं साथ ही पर-परागण के माध्यम से फसल उत्पादन में मधुमक्खियों की उपयोगिता के बारे में जानकारी दी l इसके अलावा उन्होंने मधुमक्खियों में लगने वाले कीटों, बीमारियों, एवं मौसमी प्रबंधन के बारे में भी बतायाकिया, साथ ही उन्होंने जवानों को बटालियन की मौनपालन इकाई में प्रयोगात्मक जानकारी भी दी l केंद्र के सब्जी विज्ञान के विशेषज्ञ डा. अभिषेक बहुगुणा ने जवानों को बताया की एक सफल मधुमक्खी पालन के लिए फूलों की आवश्यकता होती है एवं उन्होंने मौनपालन के लिए उपयुक्त पौंधों (मौनचरों) के बारे में बताया l उन्होंने शहद की उपयोगिता के बारे में बताया एवं जवानों को अपने आहार में शहद को शामिल करने का आह्वान किया l