पिथौरागढ़। पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर कर्मचारियों और शिक्षकों का क्रमबद्ध आंदोलन शुक्रवार को भी जारी रहा। कार्मिकों ने बाह में काले फीते बांधकर राज्य सरकार से पुरानी पेंशन बहाली की मांग की।यहां जिला मुख्यालय में कोषागार, कलेक्ट्रेट, उद्यान विभाग, सहकारिता विभाग, जिला अस्पताल में संगठन के सदस्यों द्वारा एन एम ओ पी एस उत्तराखंड के पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल कार्यक्रम के द्वितीय चरण काली पट्टी कार्यक्रम में भागीदारी की। कोषागार में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिला महामंत्री दीपक वर्मा के नेतृत्व में वक्ताओं ने कहा कि एन पी एस व यू पी एस दोनों कार्मिक हितों के प्रतिकूल है इन्हें वापस लेकर हूबहू पुरानी पेंशन बहाली करनी चाहिए। यहाँ हेम पांडे, दीवान धामी, कमल नाथ, मोहमद आमिर, ईश्वर बुदियाल आदि शामिल हुए। वही कलेक्ट्रेट में कमल पांडे, प्रेम जोशी के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया। जिलाध्यक्ष बिजेंद्र लूंठी ने बताया कि सभी विभागों में बढ़-चढ़कर भागीदारी की जा रही है। एन एम ओ पी एस के आगामी कार्यक्रम में भी सभी सदस्यों द्वारा प्रतिभाग किया जायेगा। एक देश में दो विधान किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किए जायेंगे। जब प्रधानमंत्री, सांसद और विधायक पुरानी पेंशन ले सकते हैं तो अधिकारियों शिक्षकों कार्मिकों को पुरानी पेंशन क्यों नहीं मिल सकती सरकार को स्पष्ट करना चाहिए और हूबहू पुरानी पेंशन लागू करनी चाहिए। धीरेन्द्र कुमार पाठक ने बताया कि आजादी के बाद 1947 से अकटूबर 2005 तक पुरानी पेंशन दी गई और पेंशन देने में सम्पूर्ण भारतवर्ष में किसी भी राज्य सरकार व केन्द्र सरकार को कोई घाटा नहीं हुआ और न ही कोई राजपत्र प्रकाशित हुआ कि पेंशन देने में घाटा हुआ हो। जी एस टी व अन्य कर व आयकर सहित तमाम करों में वृद्धि हुई है लेकिन पेंशन व्यवस्था जो कि बाजार व्यवस्था को भी संभालती है को बंद किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार को शीघ्र ही पुरानी पेंशन बहाली कर देनी चाहिए। उद्यान विभाग में रोहित उप्रेती, भावना धामी, कविंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।