पिथौरागढ़। घनश्याम ओली चाइल्ड वेलफेयर सोसायटी, पिथौरागढ़ के अजय ओली ने आज से भारत की पैदल यात्रा कर लोगों को जागरूक करने का अभियान शुरू कर दिया है। वह उत्तराखंड से बंगलुरू तक यात्रा करेंगे। इस पूरी यात्रा के दौरान वह रोजाना 10 किलोमीटर से अधिक की नंगे पांव पैदल यात्रा कर लोगों को बालश्रम, बाल भिक्षा और हर बच्चे को शिक्षा से जोड़ने के लिए जागरूकता अभियान चलाएंगे। इसके अलावा एक शहर से दूर जाने के लिए वह अन्य वाहनों की मदद लेंगे। इस पूरी यात्रा के दौरान वह 16 राज्यों के 70,000 से अधिक बच्चों से मुलाकात करेंगे और उन्हें ” एजुकेशन ऑन व्हील्स ” कार्यक्रम से जोड़ेंगे। उनका मुख्य उद्देश्य शिक्षा से वंचित बच्चों को शिक्षा से जोड़ना और बालश्रम या बाल भिक्षा में लिप्त बच्चों को उस से दूर कर उनका जीवन संवारना है। अजय ओली द्वारा इस से पहले उत्तर भारत की 35 यात्राएं की गई हैं और यह उनकी उत्तर से दक्षिण भारत को जोड़ने वाली पहली बड़ी यात्रा है। 17000 से अधिक बच्चों को शिक्षा से जोड़ने वाले और 4 लाख से अधिक युवाओं को अब तक जागरूक करने वाले अजय ओली को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय युवा पुरुस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है, साथ ही उनका नाम सबसे लंबी नंगे पांव जागरूकता यात्रा करने के लिए लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी अंकित है। आज यात्रा के पहले दिन टनकपुर पहुंच उन्होंने एमडीएम विद्यालय में बच्चों के साथ जागरूकता अभियान किया और उन्हें इस अभियान की जानकारी दी और साथ ही इस से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। विद्यालय की अध्यापिका एकता अग्रवाल ने बताया कि वह और बच्चे मिलकर जरूर शिक्षा से वंचित बच्चों पर कार्य करेंगे और देश को शिक्षित करने वाले इस अभियान में शामिल होकर अपना योगदान देने। एकता अग्रवाल जी पहले भी समाज सेवा में कार्य करती आई हैं। इसके बाद उन्होंने पहले दिन 8 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर लोगों को जागरूक किया और बालश्रम, बाल भिक्षा को खत्म करने का संदेश दिया। अजय ओली ने बताया कि उनकी यात्रा उत्तराखंड , उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, केरल, गोवा, गुजरात, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल जैसे राज्यों में सक्रियता से अधिक से अधिक लोगों को एजुकेशन ऑन व्हील्स कार्यक्रम से जोड़ेंगे और भारत के हर बच्चे को शिक्षित करने में अपना अहम योगदान देगी। इस अभियान में अजय ओली के साथ सूरज कुमार अहम भूमिका निभा रहे हैं।