पिथौरागढ़। उत्तराखंड क्रांति दल कार्यालय तिल्डूकरी में आज स्थापना दिवस पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें उपस्थित दल के वरिष्ठतम नेता शिक्षाविद प्रखर राज्य आंदोलनकारी चंद्रशेखर कापड़ी ने कहा की राज्य बने 24 वर्ष पूरे होने के बावजूद भी आज जो राज्य की स्थिति है उसको देखकर उत्तराखंड क्रांति दल काफी दुखी है ऐसे हालात हैं कि पलायन हो चुके गांवों में जहां पर कि महिलाएं ही शेष बची हुई है और लोग नौकरियों की तलाश में बाहर हैं।किसी महिला को यदि प्रसव पीड़ा हो जाती है तो लकड़ी में बांधकर उनको अस्पताल तक ले जाने के लिए सड़क के अभाव में महिलाएं स्वयं बाध्य है। विकास से कोसों दूर पलायन से खाली हो चुके हमारे गांव आज इन सरकारों की नाकामियों को उजागर कर रही है ।दल के जिला अध्यक्ष चंद्रशेखर पुनेरा ने सभी लोगों को राज्य स्थापना दिवस की बधाई देते हुए यह बात कही कि उत्तराखंड क्रांति दल के क्रांतिकारी साथियों और शहीदों के प्रयासों से बने इस राज्य के स्थापना दिवस पर उत्तराखंड क्रांति दल के द्वारा राजकीय कार्यक्रम जो कि राज्य स्थापना दिवस पर किया जाता है उसका वर्षों से बहिष्कार किया जा रहा है और यह बहिष्कार तब तक जारी रहेगा जब तक वास्तविक राज्य आंदोलनकारियों का चिन्हीकरण पूर्ण नहीं हो जाता।जब तक सरकार उनको वास्तविक सम्मान नहीं देती और राज्य के राज्य आंदोलन की अवधारणा के अनुरूप राज्य आंदोलनकारी के शहीदों के सपनों के अनुरूप राज्य के विकास के लिए यह सरकार कृत संकल्पित नहीं हो जाती तब तक उत्तराखंड क्रांति दल राज्य स्थापना दिवस जो की शासन प्रशासन के द्वारा कराया जाता है उसका विरोध करेगी और उसका बहिष्कार करती रहेगी इस अवसर पर उपस्थित सभी लोगों ने राज्य आंदोलन में शहीद सभी दिवंगत राज्य आंदोलनकारी को और उसके बाद भी सरकार की दशा दिशा को देखते हुए उससे पीड़ित दिवंगत सभी राज्य आंदोलनकारियो को 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की। गोष्ठी में आज की सभा के अध्यक्ष जिला अध्यक्ष चंद्रशेखर पुनेड़ा सहित दल के वरिष्टतम नेता चंद्रशेखर कापड़ी, दल के जिला महामंत्री मदन पोखरिया, आंदोलनकारी प्रकोष्ठ के पूर्व अध्यक्ष दलीप धामी, अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ पूर्व अध्यक्ष चंद्र प्रकाश कोहली ,वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी हीरा वल्लभ भट्ट, राज्य आंदोलनकारी उमेश चंद्र जोशी ,आईटी प्रकोष्ठ के कुमाऊं मंडल प्रभारी गिरीश चंद्र जोशी, वरिष्ठ नेता राम सिंह ऐरी सहित कई लोग उपस्थित थे।