पिथौरागढ़। बीज बचाओ आंदोलन के बैनर तले पारंपरिक विविधता युक्त खेती, पहाड़ी खानपान एवं गांव बचाओ का संदेश लेकर यात्री दल अस्कोट से आराकोट उत्तरकाशी के लिए रवाना हुआ। इससे पूर्व यात्री दल ने गर्जिया के ग्रामीणों के साथ बैठक कर उन्हें यात्रा का संदेश दिया।
बीज बचाओ आंदोलन और सर्वोदय मंडल टिहरी द्वारा आयोजित अध्ययन यात्रा दल आराकोट गांव के लिए रवाना हुआ। इस मौके पर यात्री दल ने स्थानीय लोगों को आंदोलन के उद्देश्यों से अवगत कराना है बताया कि उत्तराखंड की खेती पर जलवायु परिवर्तन, जंगली जानवरों के हमले, व आधुनिक हरित क्रांति के बाद जहरीली खाद के दुष्परिणामों, पशुधन का संकट, पहाड़ी पोषण युक्त प्रतिरोधी खानपान, हिमालय एवं नदियों पर पर्यावरणीय खतरे और खाली होते गांव का अध्ययन कर एक रिपोर्ट राज्य के मुख्यमंत्री को दिया जायेगा। आंदोलन के प्रवका रघुभाई जड़धारी ने बताया कि यात्री अस्कोट से आगे बढ़कर बागेश्वर, अल्मोड़ा, चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी के दौरान गांव के हालातों का अध्ययन करते हुए यात्रा के अंत में उत्तरकाशी जिले के हिमाचल प्रदेश से लगे आरकोट गांव तक पहुंचेगा। यह यात्रा इस वक्त बारनाजा की विविधता युक्त खेती, दलहन, तिलहन व दालों की विविधतायुक्त खेती और खलिहान पर अध्ययन करने के लिए आयोजित की गई है। यह वक्त फसलों के पकने का भी है। इसलिए इससे महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल की जाएंगी। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में जल, जंगल जमीन पर गहराते खतरो का भी अध्ययन होगा। नाले और उससे निकलने वाली नदियां, छोटे-छोटे गाड़ गदेरे का भी अध्ययन किया जाएगा। गर्मियों में हिमालय में आग से जले जंगलों, इसके वन विभाग के हरियाली कार्यक्रमों और हिमालय दिवस के अवसर पर किए गए कार्यक्रमों का भी अध्ययन किया जाएगा। गौमाता के समर्थन व प्रयासों का भी अध्ययन किया जाएगा। इसके अलावा बांध परियोजनाओं का भी अध्ययन किया जाएगा। आराकोट रवाना होने से पूर्व यात्री दल ने सीमांत गांव गर्जिया के ग्रामीणों के साथ बैठक की ग्रामीणों द्वारा की जा रही खेती की जानकारी ली और बताया कि खेती- किसानी पर किस तरह का संकट मंडरा रहा है, उसका समाधान किस तरह किया जा सकता है। यात्री दल में पर्यावरणविद विजय जड़धारी, साब सिंह सजवाण, शशि भूषण भट्ट,
रघुभाई जड़धारी, राम सिंह कुट्टी, गोपाल भाई, शक्ति प्रसाद जोशी, सिद्धार्थ समीर, रवि गुसांईं, दिनपाल, अर्पण संगठन के संयोजक रेणु ठाकुर आदि आदि शामिल हैं।