
हल्द्वानी। उत्तराखंड पुलिस की वर्दी पहनकर बनाए गए रील्स वायरल वीडियो करना दो युवकों को भारी पड़ गया। नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रहलाद मीना ने त्वरित संज्ञान लेकर युवकों के खिलाफ कार्रवाई की। रील्स डिलीट कराने के साथ ही जुर्माना भी वसूला गया। कहा कि वर्दी मनोरंजन का साधन नहीं, सम्मान की पहचान है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल प्रहलाद नारायण मीणा द्वारा सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे ऐसे सभी वीडियो पर लगातार निगरानी व गंभीरता से संज्ञान लिया जा रहा है, जिनमें किसी भी रूप में कानून का उल्लंघन, पुलिस की छवि को धूमिल करने या वर्दी का दुरुपयोग कर जनता में भ्रम फैलाने वालों पर कार्यवाही की जा रही है।विगत दिनों इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें उत्तराखंड पुलिस के निरीक्षक की वर्दी पहनकर युवक वीडियो बनाते नजर आए। यह वीडियो सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर प्रसारित होने के बाद एसएसपी नैनीताल द्वारा तत्काल संज्ञान लिया गया और प्रभारी निरीक्षक राजेश यादव, कोतवाली हल्द्वानी को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए गए।वीडियो में दिख रहे दोनों युवकों की पहचान दिनेश (निवासी हल्द्वानी) एवं दिव्यांश (निवासी मुखानी) के रूप में की गई। दोनों युवकों को तलब कर पूछताछ की गई, जिसमें उन्होंने स्वीकार किया कि वर्दी उन्होंने स्थानीय बाजार से खरीदी थी।युवकों से तत्काल वीडियो सोशल मीडिया से हटवाया गया। उत्तराखंड पुलिस अधिनियम के अंतर्गत चालानी कार्यवाही करते हुए जुर्माना जमा करवाया गया एवं माफीनामा लिया गया। दोनों युवकों द्वारा माफी मांगी गई एवं भविष्य में इस प्रकार की हरकत न दोहराने का लिखित आश्वासन भी दिया गया। साथ ही, पुलिस वर्दी का सम्मान बनाए रखने की सख्त हिदायत दी गई।पुलिस कप्तान ने कहा कि पुलिस की वर्दी मर्यादा, अनुशासन और जिम्मेदारी का प्रतीक है। वर्दी का मज़ाक उड़ाना या उसका अनुचित उपयोग न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि समाज में भ्रम फैलाने वाला कृत्य है, इस प्रकार की हरकतों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

