
पिथौरागढ़ । रामलीला मैदान में आयोजित पारंपरिक सातू-आंठू महोत्सव में इस वर्ष भी महिलाओं की भागीदारी विशेष रूप से देखने को मिली। लगातार हो रही बारिश के बावजूद महिलाओं के उत्साह और सांस्कृतिक जोश में कोई कमी नहीं आई।महोत्सव के दौरान महिलाओं ने पारंपरिक गीतों की में खेल खेले, जिसमें उन्होंने “सिलगड़ी का पल्ला चाला…” जैसे लोकगीतों पर थिरकते हुए पहाड़ी संस्कृति की जीवंत झलक प्रस्तुत की। रंग-बिरंगे परिधानों और लोक वाद्य यंत्रों की मधुर धुनों से पूरा पिथौरागढ़ शहर गूंज उठा।कार्यक्रम का उद्देश्य स्थानीय संस्कृति, परंपराओं को बढ़ावा देना है और आने वाली पीढ़ी को लोकसंस्कृति से जोड़ने है।इस अवसर पर बच्चे, स्थानीय जनता, सांस्कृतिक संस्थाओं, और समाजसेवियों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई ।

