
पिथौरागढ़। कलेक्ट्रेट सभागार में आज जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी की अध्यक्षता में ग्राम्य विकास विभाग की योजनाओं की विस्तृत समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना (वित्तीय वर्ष 2022–23, 2023–24 एवं 2024–25), पलायन रोकथाम योजना (2024–25) तथा वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के अंतर्गत संचालित कार्यों की प्रगति पर चर्चा की गई।जिलाधिकारी ने इस अवसर पर वित्तीय वर्ष 2025–26 की कार्ययोजना की भी समीक्षा की। बताया गया कि इस वर्ष जनपद में 44,131 प्रस्तावित कार्य लिए गए हैं। बैठक में जनपद के सभी 08 विकासखण्डों की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति, मानव दिवस सृजन, कृषि एवं कृषि आधारित गतिविधियों की स्थिति का ब्योरा प्रस्तुत किया गया। बैठक में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY), ग्रामीण निर्माण विभाग, लोक निर्माण विभाग (लोनिवि), ब्रिज निर्माण इकाई (ब्रिडकल), ऊर्जा विकास एजेंसी (UREDA) सहित विभिन्न विभागों की कार्य प्रगति की समीक्षा की गई।बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि विलंबित प्रोजेक्ट्स पर तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने निर्माण विभागों को निर्देश दिए कि नए सरकारी भवनों का निर्माण यथासंभव नजदीक–नजदीक किया जाए ताकि जनता को एक ही स्थान पर बहुसंख्यक सुविधाएं उपलब्ध हो सकें। साथ ही स्थानीय निर्माण सामग्री के अधिकतम उपयोग पर बल दिया जिससे निर्माण की लागत कम हो तथा ढाँचागत संरचनाएँ टिकाऊ बनें।उन्होंने उद्यान एवं सहकारिता विभाग को परस्पर समन्वय स्थापित कर योजनाओं का क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए। पलायन रोकथाम योजना पर चर्चा करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि इसके प्रभाव का आकलन करने हेतु एक समग्र रिपोर्ट तैयार की जाए ताकि यह पता चल सके कि योजनाओं से स्थानीय जनता को कितना वास्तविक लाभ मिल पाया है। बैठक में मिशन अमृत सरोवर (फेज–1) के अंतर्गत जनपद में निर्मित सरोवरों की स्थिति, विभागवार आवंटन तथा आजीविका आधारित गतिविधियों से जुड़े सरोवरों की जानकारी साझा की गई। जिलाधिकारी ने कहा कि अमृत सरोवर केवल जल संरक्षण ही नहीं बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने का भी माध्यम बनें, इस दिशा में कार्य हो।जिलाधिकारी ने बड़ाबे झील से संबंधित सौंदर्यीकरण एवं विकास कार्यों की भी जानकारी ली और कहा कि झील को पर्यटन की दृष्टि से आकर्षक स्वरूप देने हेतु ठोस कार्यवाही की जाए।मुख्य विकास अधिकारी डॉ. दीपक सैनी ने बैठक में अवगत कराया कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित सौर ऊर्जा लाइटें स्थानीय जनता के लिए अत्यधिक लाभकारी सिद्ध हो रही हैं। जिलाधिकारी ने इस मॉडल को अन्य क्षेत्रों में भी लागू करने के निर्देश दिए।बैठक में मुख्य विकास अधिकारी डॉ. दीपक सैनी, परियोजना निदेशक ग्राम्य विकास आशीष पुनेठा, जिला विकास अधिकारी रमा गोस्वामी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संतोष नबियाल सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

