देहरादून। पिथौरागढ़ जिले की धारचूला की दारमा घाटी के माइग्रेशन वाले 14 गांव के ग्रामीण भालुओं से परेशान हैं। भालू द्वारा घरों को तोड़फोड़ व खेतों को नुकसान पहुंचाने का मामला लेकर मंगलवार को दिल्लं दर्मा सेवा समिति अध्यक्ष करन सिंह ग्वाल के नेतृत्व में पदाधिकारियों ने प्रमुख वन संरक्षक उत्तराखंड आर के मिश्रा से देहरादून में मुलाकात की। उन्होंने मकानों की सुरक्षा तथा स्थायी समाधान की मांग उठाई।

प्रमुख वन संरक्षक ने प्रभागीय वनाधिकारी पिथौरागढ़ से दूरभाष से बात कर प्रमुखता से इस पर समाधान निकालने के निर्देश दिए तथा एक गाँव को पाइलेट प्रोजेक्ट की तरह चिन्हित कर पिंजरा व अन्य उपकरण लगाने की दिशा निर्देश दिए।
समिति के अध्यक्ष करन सिंह ग्वाल ने बताया कि पिछले चार पांच सालों से दारमा घाटी के 14 गांवों के ग्रामीण नम्बंबर माह में निचली घाटी आने कारण ग्रामीणों के घर बन्द हो जाते हैं। इसी का फायदा उठाते हुए भालुओं द्वारा घरों को तोड़फोड़ के साथ खाद्य पदार्थों को काफी नुकसान पहुंचाते हैं। जिसके कारण ग्रामीणों को काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है।ज्ञापन देते समय समिति के अध्यक्ष करन सिंह ग्वाल, धीरेन्द्र सिंह दताल, डॉ रतन सिंह सीपाल और कविन्द्र सिंह मार्छाल मौजूद रहे।